बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सुनवाई की तय तिथि के एक दिन पहले ही रात में वर्चुअल कोर्ट लगाकर रायपुर नगर निगम की बेजा कब्जा हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी।

रायपुर के कैलाश पुरी निवासी दयानंद शर्मा और 3 अन्य लोगों ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि वह पिछले 30 वर्षों से जिस जमीन पर निवास कर रहे हैं, नगर निगम रायपुर और प्रशासन उसे अपने स्वामित्व वाली जमीन बताकर उस पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। यहां पर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर उन्हें बेदखल करने की कार्रवाई शुरू की जा रही है। नगर निगम की इस कार्रवाई को हाईकोर्ट में सन 2016 में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी, जिस पर कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया था। इस मामले की सुनवाई 6 अप्रैल बुधवार को होने वाली थी। मगर सुनवाई के एक दिन पहले ही मंगलवार शाम को नगर निगम का दल बल उक्त जमीन पर बेजा कब्जा हटाने की कार्रवाई करने के लिए पहुंच गया। इसे लेकर याचिकाकर्ता के वकील ने हाई कोर्ट में आवेदन देकर अर्जेंट सुनवाई की मांग की। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार की रात को ही जस्टिस आरसीएस सामंत की बेंच ने वर्चुअल सुनवाई का निर्णय लिया। याचिकाकर्ता के आवेदन पर राज्य शासन की ओर से वकील अनिमेश तिवारी और नगर निगम की ओर से उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने पैरवी की। शासन व नगर निगम की ओर से बताया गया कि तहसीलदार द्वारा किए गए सीमांकन में अवैध कब्जे की पुष्टि हुई है, जिसे हटाने की कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट ने बेदखली की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाते हुए अगली सुनवाई तक स्थगन बरकरार रखने का आदेश जारी किया है।

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