रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत ने आज भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी के आसार बढ़ गए हैं। इसके अलावा शराब घोटाले के आरोपी अरविंद सिंह का एक अलग जमानत आवेदन भी कोर्ट ने खारिज कर दिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यादव को 500 करोड़ की कोयला लेवी वसूली मामले में आरोपी बनाया है। आज उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर जज अजय सिंह राजपूत ने सुनवाई की। दोनों पक्षों के बीच करीब 2.30 घंटे तक बहस चली। इसके बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।
इडी के वकील सौरभ पांडे ने कोर्ट में कहा कि बचाव पक्ष जिन आरोपों को बेबुनियाद बता रहा है, उन सभी आरोपों का ईडी के पास पूरा प्रमाण मौजूद हैं। ईडी की जांच में जिस डायरी का जिक्र हुआ है उसमें जितने भी नाम हैं, उन्हें आरोपी सूर्यकांत तिवारी के करीब निखिल चंद्राकर ने डि कोड किया है। इनमें यादव का भी नाम डी यादव लिखा गया है। दूसरी ओर यादव के वकील ने केस को झूठा बताते हुए कहा कि ईडी का केस इनकम टैक्स के मुकदमे पर आधारित है। जब उसका केस ही बेबुनियाद है तो यह भी केस नहीं चलना चाहिए। किसी चैट में यदि नाम आया भी है तो उससे यह साबित नहीं होता कि उनके मुवक्किल के पास पैसा पहुंचा है। चैट में लेन-देन का जिक्र भी नहीं है।
जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अब कभी भी यादव को गिरफ्तार किया जा सकता है। उनके वकील का कहना है कि वे सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
इधर ईडी की अदालत में आज कोल स्कैम के आरोपी निलंबित आईएएस समीर विश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, शिवशंकर नाग, लक्ष्मीकांत तिवारी और दीपक टांक समेत राजेश चौधरी पेश किये गए। सौम्या चौरसिया ने मेडिकल लगाकर कोर्ट आने में असमर्थता जताई थी। कोयला स्कैम ईडी के अनुसार 540 करोड़ का है, जिसमें से 220 करोड़ रुपये का वह पता लगा चुकी है।