बिलासपुर। कोयला लेवी घोटाले में जेल काट रही निलंबित आईएएस रानू साहू की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में बहस पूरी हो गई है। कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है।
मालूम हो कि बीते साल 22 जुलाई को रानू साहू को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। जमानत के लिए उन्होंने रायपुर में ईडी की विशेष अदालत में याचिका दायर की थी, जो निरस्त कर दी गई थी। 14 दिसंबर को हाईकोर्ट में दायर जमानत याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई हुई थी। आज इस पर जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच में आगे सुनवाई हुई।
करीब 550 करोड़ रुपये के कोयला लेवी वसूली मामले में रानू साहू के अलावा आईएएस समीर विश्नोई, राज्य प्रशासनिक सेवा की सौम्या चौरसिया, खनिज विभाग के संयुक्त संचालक एसएस नाग व कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, निखिल चंद्राकर, दीपेश टांक व संदीप नायक को ईडी ने आरोपी बनाया है। ये सभी गिरफ्तार हैं और जेल में बंद हैं। इनके पास से जब्त दस्तावेजों के आधार पर ईडी ने जमानत का विरोध किया है।
आरोप है कि अफसरों और कारोबारियों ने साठगांठ करके कोयला खदानों के परिवहन की ऑनलाइन परमिट पद्धति को खत्म कर मैनुअल कर दिया और प्रति टन 25 रुपये की अवैध वसूली की।
रानू साहू के वकील ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दलील दी है कि जिन धाराओं के तहत उन्हें गिरफ्तार किया है, उनमें उन पर केस ही नहीं बनता। जबकि ईडी का कहना है कि जब्त दस्तावेजों में इनकी संलिप्तता प्रमाणित होती है। अनेक तथ्यों की छानबीन अभी बाकी है इसलिए जमानत देना उचित नहीं होगा।