बिलासपुर। केंद्रीय बजट 2024 को जिले के कांग्रेस नेताओं ने निराशाजनक और हताशाजनक करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बजट में आम जनता, किसानों, लघु उद्योगों और गरीबों के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। कांग्रेस का मानना है कि यह बजट केवल पूंजीपतियों और उद्योगपतियों को लाभ देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

महंगाई और गरीबों की अनदेखी

बिलासपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि केंद्रीय बजट में महंगाई का कोई समाधान नहीं दिखता। पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं है, जबकि आम जनता इसके बोझ तले दबी हुई है। उन्होंने कहा, “सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कर रही थी, लेकिन इस बजट में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कोई योजना नहीं है। कुटीर और लघु उद्योग, जो विदेशी मुद्रा और रोजगार का बड़ा स्रोत हैं, उनके संरक्षण और संवर्धन के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।”
शहर अध्यक्ष पांडेय ने बजट को ‘पूंजीपतियों के लिए तैयार’ करार देते हुए कहा कि इसमें गरीबों के लिए कुछ नहीं है।
मररेगा की मजदूरी भी नहीं बढ़ी
जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी ने  कहा- “महंगाई के चलते गरीब और गरीब होता जा रहा है। मनरेगा के तहत काम तो मिलता है, लेकिन मजदूरी अपर्याप्त है, जिसमें बढ़ोतरी की जानी चाहिए थी। युवाओं के लिए स्थायी रोजगार के अवसर भी नहीं दिख रहे हैं। सरकार का यह बजट सहयोगी दलों को खुश करने की एक कोशिश मात्र है, जिसमें अन्य राज्यों के साथ भेदभाव साफ नजर आता है। कुल मिलाकर, यह बजट ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ की कहावत को चरितार्थ करता है।”

छत्तीसगढ़ को नजरअंदाज किया गया

बिलासपुर शहर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंद शुक्ला ने भी बजट की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस बजट में छत्तीसगढ़ की अनदेखी की गई है, जबकि केंद्र सरकार ने अन्य राज्यों को हजारों करोड़ रुपये का पैकेज दिया है। “छत्तीसगढ़ से भाजपा के कई सांसद जीतकर आए हैं, फिर भी राज्य के लिए बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया।”

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