बिलासपुर। पुराना बस स्टैंड स्थित शराब दुकान के बाहर रविवार की रात एक युवक की हत्या हो गई। युवक का नाम राहुल सिंह ठाकुर (40 वर्ष) था, जो मधुबन दयालबंद में रहता था। राहुल केबल ऑपरेटर का काम करता था और रविवार की रात शराब पीने के लिए पुराना बस स्टैंड स्थित शराब दुकान गया था।
दुकान के बाहर ही राहुल अपने कुछ साथियों के साथ शराब पी रहा था, तभी रात करीब 11 बजे दो युवकों से उसकी पुरानी रंजिश और शराब को लेकर विवाद हो गया।
मदद के लिए पुकारता रहा युवक
विवाद बढ़ते ही दोनों आरोपियों ने राहुल पर गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। जब राहुल ने इसका विरोध किया, तो आरोपियों ने बीयर की बोतल से उस पर हमला कर दिया। सिर और गर्दन पर गंभीर चोटें लगने के बाद राहुल बचने के लिए भागने लगा, लेकिन आरोपी उसे दौड़ाकर पीटते रहे। राहुल मदद के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन वहां मौजूद दर्जनों लोगों में से किसी ने भी उसकी सहायता नहीं की। अंततः गंभीर रूप से घायल राहुल खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर गया, और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
आरोपियों की पहचान सीसीटीवी से
घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। घटना की सूचना मिलने पर डायल 112 पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन तब तक राहुल की मृत्यु हो चुकी थी। पुलिस के आला अधिकारी, जिनमें एसपी रजनेश सिंह भी शामिल थे, तुरंत मौके पर पहुंचे और घटना की जांच शुरू की। तारबाहर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान की जा रही है।
असामाजिक तत्वों का अड्डा
पुराना बस स्टैंड के पास देर रात तक शराबखोरी और असामाजिक गतिविधियां होती रहती हैं। पुलिस की लापरवाही के कारण इस क्षेत्र में आए दिन विवाद और वारदातें होती रहती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर के बार संचालक नियमों को ताक पर रखकर आधी रात के बाद भी शराब बेचते हैं, जिससे अक्सर हिंसक घटनाएं होती हैं। बावजूद इसके, पुलिस द्वारा मात्र खानापूर्ति की जाती है और ठोस कदम नहीं उठाए जाते।
सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं
पुराना बस स्टैंड स्थित शराब दुकान के बाहर मारपीट और हिंसक घटनाओं की कई शिकायतें पहले भी मिल चुकी हैं, लेकिन पुलिस सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में नाकाम रही है। इलाके के लोगों का कहना है कि पुलिस की इस उदासीनता के कारण असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ा हुआ है, जिससे इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं।