बिलासपुर। केन्द्रीय जेल से 12 दिन की पैरोल पर छोड़ा गया हत्या का अपराधी जनवरी 2017 से फरार है। जेल प्रबंधन की इस गंभीर लापरवाही का खुलासा 6 साल बाद हुआ, जब प्रमुख मुख्य पहरी ने सिविल लाइन थाना में एफआईआर दर्ज कराई।

2008 में की थी हत्या 
जांजगीर-चांपा के ग्राम पेंड्री निवासी प्यारे लाल पटेल ने वर्ष 2008 में एक व्यक्ति की हत्या की थी, तब उसकी उम्र 19 वर्ष थी। इस अपराध के लिए उसे गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायालय ने 8 जून 2008 को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 22 जून 2008 को उसे बिलासपुर केन्द्रीय जेल में स्थानांतरित किया गया, जहां वह अपनी सजा काट रहा था।

4 जनवरी 2017 को कैदी को 12 दिन की पैरोल पर छोड़ा गया। पैरोल की अवधि समाप्त होते ही उसे 17 जनवरी 2017 की शाम 5 बजे तक केन्द्रीय जेल वापस आना था, लेकिन वह फरार हो गया। जेल प्रबंधन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, और इस प्रकार 6 साल बीत गए।

प्रबंधन की लापरवाही
जेल से कैदी के फरार होने की घटना पर आमतौर पर पूरे विभाग में हड़कंप मच जाता है, और कैदी को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाते हैं। लेकिन इस मामले में जेल प्रबंधन ने लापरवाही बरतते हुए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब, 6 साल बाद, जेल प्रशासन की इस चूक को उजागर किया गया है।

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