छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के तुमगांव क्षेत्र में एक 6 वर्षीय बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद, उसके शव को कब्र से खोदकर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। यह घटना तब प्रकाश में आई जब बच्ची के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। स्थानीय नागरिकों और परिजनों के आक्रोश के बीच, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
वार्ड नंबर-8 के निवासी नेतराम धीवर की 6 साल की बेटी, अंकिता धीवर को उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद नवजीवन अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रारंभिक उपचार के दौरान, अस्पताल प्रबंधन द्वारा बच्ची को ग्लूकोज और एंटीबायोटिक्स दी गई, जिसके बाद उसकी स्थिति तेजी से बिगड़ने लगी। परिजनों के अनुसार, स्टाफ ने उन्हें आश्वासन दिया कि बच्ची को केवल गर्मी लगी है और उसे खुले में ले जाने की सलाह दी। लेकिन कुछ ही समय बाद बच्ची पूरी तरह बेहोश हो गई और उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद बच्ची को गाड़ाघाट के पास दफनाया गया, लेकिन परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण ही बच्ची की जान गई। इसके बाद स्थानीय लोगों और नगर पंचायत उपाध्यक्ष पप्पू पटेल ने थाना पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच की मांग की।
पोस्टमार्टम और जांच
शिकायत के बाद, पुलिस ने कार्यपालिक मजिस्ट्रेट श्रीधर पंडा की उपस्थिति में बच्ची के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इस मामले में, चार सदस्यीय टीम का गठन कर जांच शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने नवजीवन अस्पताल के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि अस्पताल की लापरवाही की पुष्टि होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल प्रबंधन पर सवाल
नवजीवन अस्पताल का लाइसेंस उदयराम साहू के नाम पर है, जो इस अस्पताल को प्रवीण साहू और डॉ. शिवम पांडेय के साथ मिलकर चला रहे थे। इस घटना के बाद, अस्पताल के सभी कर्मचारी गायब हो गए हैं, जिससे संदेह और गहराता जा रहा है।