अटल विवि दीक्षांत समारोह में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस मिश्रा को मानद डॉक्टरेट
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के 5वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि विश्वविद्यालय हमारी संस्कृति और सामूहिकता के संरक्षक होते हैं। इस समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा को भारतीय न्याय व्यवस्था में उनके योगदान के लिए मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया गया। समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रमों में प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के 5वें दीक्षांत समारोह का आयोजन आज विश्वविद्यालय परिसर में हुआ, जिसमें राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा सहित कई गणमान्य अतिथियों ने शिरकत की।
इस अवसर पर 64 विषयों में 92 गोल्ड मेडल, 48 पी.एच.डी., और 35,291 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गईं। न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा को भारतीय न्याय व्यवस्था में उनके विशेष योगदान के लिए मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी गई।
राज्यपाल डेका ने समारोह में कहा, “विश्वविद्यालय सिर्फ शैक्षणिक संस्थान नहीं हैं, बल्कि वे हमारी संस्कृति और सामूहिकता के संरक्षक भी होते हैं।” उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभाव को भी रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि विश्वविद्यालय को पीएम उषा योजना के तहत 20 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है, जिससे इसकी अधोसंरचना का विस्तार होगा। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रमों में स्थान देने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस मौके पर केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरूण साव, राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी, विधायक अमर अग्रवाल, विधायक धरम लाल कौशिक, विधायक धरमजीत सिंह, विधायक सुशांत शुक्ला, विधायक अटल श्रीवास्तव, और विधायक दिलीप लहरिया विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समारोह में विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका “कन्हार” और मासिक पत्रिका “अटल दृष्टि” का विमोचन भी किया गया।