बिलासपुर। तखतपुर के पास दिखे बाघ ने अपना ठिकाना बदल लिया है। वन विभाग की टीमें उसकी लोकेशन का पता लगाने में जुटी हुई हैं। बाघ को ट्रैंकुलाइज कर कॉलर आईडी लगाने की अनुमति भी ली गई है, जिससे उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।

किसान पर हमला, फिर झाड़ियों में छिपा रहा

गुरुवार सुबह तखतपुर के कठमुंडा गांव में एक बाघ देखा गयाखेत में पानी देने गए किसान पर उसने हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गया। किसान को तुरंत सिम्म्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत अब स्थिर है।

आदमखोर नहीं, डर की वजह से हमला किया

अचानकमार टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर मनोज पांडेय के अनुसार, बाघ के आदमखोर होने की आशंका नहीं है। घटना से प्रतीत होता है कि उसने अचानक किसान को देखा और घबराहट में हमला कर दिया। अगर वह आदमखोर होता, तो ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता था।

बाघ की निगरानी, लोकेशन की खोज 

हमले के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और दूर से बाघ की निगरानी शुरू कीरात 8:30 बजे तक वह कठमुंडा में झाड़ियों में छिपा रहा। इस दौरान वनकर्मियों ने मोबाइल से उसकी तस्वीरें भी खींच लीं। देर रात बाघ ने सड़क पार की और वन विभाग की जीप के सामने से गुजरा। सुबह उसके पगमार्क अमने गांव के पास मिले, जो अचानकमार अभयारण्य के करीब है।

अगर यह पुष्टि हो जाती है कि बाघ अभयारण्य में प्रवेश कर चुका है, तो वन विभाग कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। लेकिन अगर वह आबादी वाले क्षेत्र में दिखता है, तो उसे ट्रैंकुलाइज कर बेहोश किया जाएगा और कॉलर आईडी लगाकर जंगल में छोड़ दिया जाएगा

क्या यह कहीं और से आया है?

वन अधिकारियों के अनुसार, बाघ किसी अन्य टाइगर रिजर्व या पार्क से आया प्रतीत नहीं होता। जहां उसे देखा गया, वह स्थान अचानकमार अभयारण्य को पार करने के बाद ही आता है।

ग्रामीणों को अलर्ट किया गया

ग्रामीणों के अनुसार, 10 जनवरी 2018 को भी इसी इलाके में बाघ देखा गया था। हालांकि, फील्ड डायरेक्टर के मुताबिक, तखतपुर में पहले किसी बाघ को ट्रैंकुलाइज करने का रिकॉर्ड नहीं है।

फिलहाल आसपास के गांवों में मुनादी कराई गई है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। वन विभाग की कई टीमें बाघ की लोकेशन का पता लगाने में जुटी हैं

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