बिलासपुर का विकास जनता की ताकत से, 4C एयरपोर्ट की मांग को लेकर अमर अग्रवाल ने कहा 

बिलासपुरबिलासा बाई केवट एयरपोर्ट बिलासपुर में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी से यात्री परेशान हैं। एयरपोर्ट के अंदर की एकमात्र कैंटीन दो महीने से बंद है। बाहर कैंटीन और टॉयलेट की योजना तीन साल से अटकी पड़ी है। टैक्सी का ठेका तो दे दिया गया, लेकिन ना टैक्सी मिलती है, ना बाहर से किसी और ऑटो या टैक्सी को अंदर आने दिया जाता है।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने इस अव्यवस्था को लेकर कलेक्टर बिलासपुर, जो एयरपोर्ट के प्रभारी अधिकारी भी हैं, से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। समिति का कहना है कि सुविधाएं नदारद हैं और मुसाफिर एक गिलास पानी को तरस रहे हैं, जबकि एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

कैंटीन बंद, टॉयलेट अब तक अधूरा

एयरपोर्ट परिसर में डायमंड होटल द्वारा संचालित एकमात्र कैंटीन दो महीने से बंद है। यात्रियों के आने-जाने वाले परिजनों के लिए एयरपोर्ट भवन के बाहर एक छोटी कैंटीन और टॉयलेट बनाने की योजना वर्षों से सिर्फ कागज़ों में सिमटी हुई है।

टैक्सी सेवा भी नाम की

एयरपोर्ट पर टैक्सी सेवा का ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया है, लेकिन उसकी गाड़ियां मौके पर नहीं मिलतीं। वहीं दूसरी ओर, प्राइवेट टैक्सी और ऑटो को अंदर आने नहीं दिया जाता, जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

जिम्मेदारी तय लेकिन ध्यान नहीं

बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट राज्य सरकार के अधीन है, और इसके प्रभारी कलेक्टर हैं। उनकी व्यस्तता को देखते हुए नगर निगम कमिश्नर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। लेकिन निगम कमिश्नर भी शहर की समस्याओं में उलझे हुए हैं, जिससे एयरपोर्ट पर कोई स्थायी निगरानी नहीं हो पा रही है।

समिति की मांगें क्या हैं?

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने स्पष्ट मांग रखी है कि–

  • एयरपोर्ट के अंदर की बंद पड़ी कैंटीन तुरंत चालू कराई जाए,
  • बाहर कैंटीन और टॉयलेट का अधूरा निर्माण जल्द पूरा किया जाए,
  • प्राइवेट टैक्सी और ऑटो को एयरपोर्ट परिसर तक आने की अनुमति दी जाए ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके।

6 साल से चल रहे आंदोलन को सराहा, कहा – अब फैसले की घड़ी नज़दीक

बिलासपुर में 4C एयरपोर्ट की मांग को लेकर चल रहे महा धरने में 2 अगस्त को विधायक और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल शामिल हुए। उन्होंने आंदोलन को नमन करते हुए कहा कि बिलासपुर का विकास हमेशा यहां की जनता की ताकत से हुआ है, जनप्रतिनिधि सिर्फ सहायक की भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने कहा कि रेलवे जोन का आंदोलन इसका बड़ा उदाहरण है, और यह 6 साल पुराना हवाई सुविधा आंदोलन भी जरूर रंग लाएगा। अमर अग्रवाल ने समिति को मुख्यमंत्री से मुलाकात करवाने का आश्वासन भी दिया और उम्मीद जताई कि जल्द ही बिलासपुर से महानगरों तक की सीधी उड़ानें शुरू होंगी।

सेना की ज़मीन वापसी और 400 करोड़ की मांग जल्द होगी पूरी

धरने में समिति की ओर से जानकारी दी गई कि बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट का रनवे छोटा होने के कारण बोइंग और एयरबस जैसे विमान यहां नहीं उतर सकते। सेना द्वारा ज़मीन वापसी के एवज में 71 करोड़ मांगे जा रहे हैं, जबकि राज्य सरकार कम राशि देना चाहती है। यह मामला मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री की बैठक से सुलझ सकता है।

इसके बाद करीब 400 करोड़ की लागत से 4C एयरपोर्ट बनाने की घोषणा और स्वीकृति जरूरी है, जो छत्तीसगढ़ जैसे राज्य के लिए मुश्किल नहीं, जिसका सालाना बजट अब डेढ़ लाख करोड़ के पार है।

हर वर्ग का समर्थन, हर समाज की भागीदारी

दो अगस्त के धरने में बड़ी संख्या में सामाजिक, धार्मिक और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। निषाद समाज, यादव समाज, मसीही समाज, मुस्लिम जमात, तेलुगु समाज और सिंधी समाज से लोगों ने सक्रिय भागीदारी की।

धरने को संबोधित करने (निषाद समाज), प्रभात मिश्रा (ब्राह्मण समाज), सुजीत यादव (यादव समाज), अजय नगर (मसीही समाज), गोपी राव (तेलुगु समाज), मजहर खान (मुस्लिम समाज), राकेश तिवारी (पूर्व छात्र नेता) और अमर बजाज (सिंधी समाज) भी शामिल हुए।

इन सभी ने कहा कि बिलासपुर का विकास 4C एयरपोर्ट के बिना अधूरा है और इसके लिए हर नागरिक की भागीदारी ज़रूरी है।

धरना प्रदर्शन जारी

समिति का दो दिवसीय धरना शनिवार और रविवार को भी एयरपोर्ट पर जारी रहा। इस दौरान अनिल गुलहरे, रवि बनर्जी, मजहर खान, अशोक भंडारी, संतोष पिपलवा, प्रकाश बहरानी, राघवेंद्र सिंह ठाकुर, मनोज श्रीवास, शिरीष कश्यप, देवेंद्र सिंह ठाकुर, समीर अहमद बबला, अमर बजाज, शेख अल्फाज, केशव गोरख, रशीद बख्श, चंद्र प्रकाश जायसवाल, अकील अली, मोहसिन अली और सुदीप श्रीवास्तव जैसे सदस्य मौजूद रहे।

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