अन्य राज्य से MBBS करने वाली छात्रा की याचिका पर नियम 11 (अ) व 11 (ब) असंवैधानिक घोषित
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में पीजी मेडिकल एडमिशन के लिए बनाए गए नए नियमों पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। दूसरे प्रदेश से MBBS करने वाली छत्तीसगढ़ निवासी छात्रा डॉ. समृद्धि दुबे की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने छत्तीसगढ़ चिकित्सा स्नातकोत्तर प्रवेश नियम 2025 के नियम 11 (अ) और 11 (ब) को असंवैधानिक घोषित करते हुए रद्द कर दिया है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि इन नियमों के जरिए राज्य सरकार PG सीटों में 100 फीसदी स्थानीय संस्थागत प्राथमिकता दे रही थी, जिससे बाहर के मेडिकल कॉलेजों से MBBS करने वाले छत्तीसगढ़ के छात्रों को अनुचित रूप से वंचित किया जा रहा था।
क्या था नियम 11 (अ) और 11 (ब) का विवाद?
इन नियमों में कहा गया था कि PG मेडिकल प्रवेश में राज्य सरकार सबसे पहले—
- पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों के MBBS छात्रों को प्राथमिकता देगी
- इसके बाद सरकारी सेवा में कार्यरत उम्मीदवारों को मौका दिया जाएगा
अन्य कॉलेजों से MBBS करने वाले छात्रों को तभी सीट मिलती जब सभी प्राथमिकता श्रेणियों के बाद सीटें रिक्त रह जाने की स्थिति बनती।
याचिका के अनुसार यह व्यवस्था 100% संस्थागत आरक्षण के बराबर थी।
अदालत ने क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायाधीश बी.डी. गुरु की खंडपीठ ने माना कि—
- पीजी मेडिकल प्रवेश में संस्थागत आधार पर पूरी सीटों को आरक्षित करना अनुच्छेद 14 तथा 21 का उल्लंघन है
- सुप्रीम कोर्ट पहले ही डॉ. तन्वी बेहल बनाम श्रेय गोयल मामले में इस तरह की प्राथमिकता को अवैध मान चुका है
- डॉक्टरों की उच्च शिक्षा पूरी तरह मेरिट आधारित होनी चाहिए, न कि किसी विश्वविद्यालय विशेष को लाभ देने के आधार पर
अदालत ने कहा कि नए नियमों ने भी पुराने दोष को दोहरा दिया है, इसलिए नियम 11 (अ) और 11 (ब) को रद्द करना आवश्यक है।
राज्य सरकार की दलीलें अदालत में नहीं टिक सकीं
सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने कहा कि नए नियमों में “स्थानीय निवासी” की बाध्यता हटा दी गई है।
लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव श्रीवास्तव व संदीप दुबे ने तर्क दिया कि
- स्थानीय निवासी हटाने से समस्या खत्म नहीं होती
- पूरा ढांचा फिर भी स्थानीय संस्थानों को 100% प्राथमिकता देता है
- इससे दूसरे राज्यों में MBBS करने वाले छत्तीसगढ़ के छात्र सीधे नुकसान में आते हैं
खंडपीठ ने इन्हीं दलीलों को महत्वपूर्ण मानते हुए नियम को असवैधानिक बताया।
फैसला
नियम 11 (अ) और 11 (ब) को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने का आदेश जारी।
अब PG मेडिकल प्रवेश पूरी तरह मेरिट आधारित रहेगा।













