रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को विधानसभा में राज्य सरकार के मंडी संशोधन विधेयक का पुरजोर समर्थन किया, और कहा कि यह तो अभी शुरूआत है। किसानों को बचाने के लिए संशोधन की और जरूरत पड़ेगी, तो करेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र के कृषि कानून से सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा है। चिटफंड कंपनियों की तरह लूटकर भाग जाए, ये नहीं होने देंगे।

विधानसभा के विशेष सत्र में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक पेश किया। विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मंडी पर कानून बनाने का अधिकार राज्य का है, और हम अपनी सीमाओं में रहकर संशोधन कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र के कानून को छू नहीं रहे। हम अपने राज्य के किसानों को सुरक्षित रखना चाहते हैं। हम यह चाहते हैं कि राज्य का किसान व्यापारियों से ठगाए नहीं, हम इसलिए कानून बनाना चाहते हैं।
श्री बघेल ने कहा कि अध्यादेश के माध्यम से भी कानून बना सकते थे, लेकिन विशेष सत्र इसलिए बुलाया गया ताकि संशोधन एक्ट पर चर्चा हो सके। जनता और किसान जान सके। उन्होंने एथनॉल प्लांट लगाने की अनुमति देने पर केन्द्र का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि धान का एक मात्र उत्पादक किसान हैं। सरकार हाथ खींच ले, तो क्या होगा? किसानों को संरक्षण देना होगा। उन्होंने कहा कि आप एक राष्ट्र, एक बाजार की बात करते हैं, लेकिन एक कीमत की बात क्यों नहीं करते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार यह कानून बना दे कि समर्थन मूल्य से नीचे में उपज की खरीदी नहीं होगी, हम कोई कानून नहीं बनाएंगे। उन्होंने कॉट्रेक्ट फार्मिंग का भी जिक्र किया और कहा कि इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला है। श्री बघेल ने दुर्ग जिले के अंडा गांव के किसानों का टमाटर सॉस बनाने वाली कंपनी के साथ एग्रीमेंट का जिक्र करते हुए बताया कि न्यूनतम दर पर ही टमाटर खरीदी जाती है। यदि बम्पर पैदावार होती है, तो वे अलग-अलग कारण गिनाकर खरीदी से आनाकानी करते हैं। किसान दोनों तरफ से ठगा जाता है।

मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि हर साल 50 रूपए समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में तो 30 साल लगेंगे। छत्तीसगढ़ अकेला राज्य है, जो कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट का पूरी तरह पालन कर रहा है। केन्द्र के कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि वे ग्वालियर गए थे, जहां डबरा में बासमती धान 12-13 सौ रूपए क्विंटल में बिक रहा है। बिहार में 11 और 12 सौ रूपए क्विंटल में धान बिक रहा है। छत्तीसगढ़ में कृषि कानून आने के बाद मंडियों में 16 सौ रूपए क्विंटल का धान 13 सौ रूपए में बिक रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों के हक में खड़ी है, और आगे भी रहेगी।

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