अटल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बाजपेयी को छत्तीसगढ़ गौरव सम्मान
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के स्वप्न दृष्टा डॉ खूबचंद बघेल की जयंती पर आज नूतन चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर प्रबुद्ध नागरिकों उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर अटल बिहारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बाजपेयी को छत्तीसगढ़ गौरव सम्मान प्रदान किया गया।
प्रोफेसर बाजपेयी ने डॉ खूबचंद बघेल के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि उनके संघर्ष को स्कूल-कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, जिससे आने वाली पीढ़ी उनके योगदान को जाने समझें और आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2021 को देश की 75 वीं स्वतंत्रता दिवस जयंती समारोह के अवसर पर छत्तीसगढ़ के 75 सेनानियों को चिन्हित कर उनके योगदान को याद किया जाएगा। उनकी गाथा को विश्वविद्यालय में आलेखों के माध्यम से पढ़ाया जाएगा।
विधायक शैलेश पांडे ने कहा डॉ. बघेल स्वतंत्रता आंदोलन के योद्धा थे। वह सरल शब्दों में कहते थे कि जो छत्तीसगढ़ के हित में अपना ही समझता है मान सम्मान को अपना मान समझता है वही वास्तविक छत्तीसगढ़िया है, चाहे वह किसी धर्म, प्रांत, जाति का हो या कहीं से भी आकर छत्तीसगढ़ में बसा हो।
एकता का मंत्र और जीने का संस्कार दिया- प्रमोद नायक
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक ने डॉ खूबचंद बघेल के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महान व्यक्तित्व के धनी थे। उनका जन्म 19 जुलाई 1900 को रायपुर के समीप पथरी, सिलयारी में हुआ। वे जीवन भर छत्तीसगढ़ के अंतिम पंक्ति के लोगों के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने हम सबको संगठन, एकता का मंत्र और स्वाभिमान से जीने का संस्कार दिया। छत्तीसगढ़ के वे ऐसे सपूत थे जिनकी अखिल भारतीय पहचान बनी।
बघेल सेवा समिति के संरक्षक डॉ एलसी मढ़रिया ने कहा कि वे न सिर्फ स्वतंत्र चित्र नेता और समाज सुधारक थे बल्कि संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी विशेष पहचान थी।
कार्यक्रम का संचालन भुवन वर्मा ने किया। आभार नंदिनीपाटन वार ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ निर्मल नायक, सिद्धेश्वर पाटनवार, बृजेश साहू, सुरेश कश्यप, डॉ. शंकर यादव, धनंजय परिहार, राजेंद्र वर्मा, सत्येंद्र कौशिक, रामकुमार वर्मा, पूर्ण चंद्र, प्रमोद पाटनवार, चंद्रशेखर नायक, संतोष श्रीवास, तेरस यादव, राजेंद्र चंद्राकर, एल के गहवई, डीआर कौशिक, तरुधर दीवान, बीपी चंद्रवंशी, श्याम साहू, श्याम मूरत कौशिक सहित नगर निगम के पार्षद एवं एल्डरमैन विशेष रूप से उपस्थित थे।