बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने बिल्हा- दगोरी सेक्शन को स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली से सुसज्जित कर दिया है। यह आधुनिक प्रौद्योगिकी न केवल ट्रेनों की संख्या बढ़ाने में सहायक है बल्कि प्रमुख जंक्शन स्टेशनों के ट्रैफिक को नियंत्रित करने में भी मदद करती है। पहले जहां दो स्टेशनों के बीच सिर्फ एक ट्रेन का परिचालन संभव था, वहीं स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली के जरिए अब दो स्टेशनों के बीच दूरी के अनुसार 4 से 6 ट्रेनों का सुचारु संचालन किया जा रहा है। यह तकनीक बिना किसी अतिरिक्त स्टेशन के निर्माण और रखरखाव के अधिक ट्रेनों का संचालन संभव बनाती है, जो रेलवे की क्षमता को बढ़ाने का सबसे उत्तम उपाय साबित हो रही है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने स्वचालित सिग्नलिंग के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 97 किलोमीटर स्वचालित सिग्नलिंग का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है, जिसमें कुम्हारी से सरोना (14 किलोमीटर), बिलासपुर जंक्शन पूर्व केबिन से गतौरा चौथी लाइन (4 किलोमीटर), बोरतलाव से पनिआजोब तीसरी लाइन (8 किलोमीटर), अकलतरा से नैला (28 किलोमीटर), कलमना से कामठी (07 किलोमीटर) और नैला से चाम्पा (22 किलोमीटर) शामिल हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए बिल्हा से दगोरी अप लाइन, डाउन लाइन और मिडिल लाइन (14 किलोमीटर) को भी स्वचालित सिग्नलिंग में बदलने का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
स्वचालित सिग्नलिंग की प्रमुख विशेषता यह है कि यह प्रणाली मैन्युअल सिग्नलिंग की तुलना में ज्यादा सटीक और विश्वसनीय है। यह तकनीक मानवीय त्रुटियों को कम करती है और ट्रेन परिचालन को अधिक सुरक्षित बनाती है। इसके साथ ही स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली के कमीशनिंग के बाद ‘कवच’ प्रणाली को भी लागू किया जा सकता है, जिससे ट्रेन दुर्घटनाओं की संभावना नगण्य हो जाएगी। इसके अलावा, स्वचालित सिग्नलिंग के कार्यान्वयन से बिल्हा-दगोरी सेक्शन की परिचालन दक्षता में भी उल्लेखनीय सुधार होगा, जिससे मैन्युअल हस्तक्षेप पर निर्भरता कम होगी और रेल परिचालन में समय की पाबंदी के साथ सुगम संचालन संभव हो सकेगा।
इस तकनीक का क्षेत्रीय विकास में भी अहम योगदान होगा। रेलवे की इस अच्छी कनेक्टिविटी से छत्तीसगढ़ के अंचल का समग्र विकास होगा, जिससे प्रदेश का विकास और अंततः देश का सर्वांगीण विकास संभव हो सकेगा। छत्तीसगढ़ का रेलवे नेटवर्क इस समय एक परिवर्तनकारी यात्रा के शिखर पर है, और वर्तमान में इस वर्ष बिल्हा-दगोरी और नैला-चाम्पा सेक्शन में स्वचालित सिग्नलिंग के प्रावधान के बाद गेवरा-रोड से दगोरी तक सम्पूर्ण सेक्शन स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली के अंतर्गत आ जाएगा। यह स्मार्ट प्रौद्योगिकी न केवल सुरक्षा मानकों को बढ़ाने का वादा करती है, बल्कि परिचालन दक्षता में भी क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है, जिससे रेलवे का भविष्य और अधिक सुदृढ़ और सुरक्षित हो सकेगा।