बिलासपुर। सरकार की सब्सिडी लेकर गरीबों को लोन न देने वाले बैंकों पर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने सख्त नाराज़गी जताई है। उन्होंने साफ कहा कि गरीबों की योजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसे बैंकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

3 जुलाई को मंथन सभाकक्ष में DLCC और DLRC की बैठक में कलेक्टर ने बैंकों के रवैये पर जमकर फटकार लगाई। बैठक में 13532 करोड़ रुपये की वार्षिक ऋण योजना को मंजूरी दी गई, जो पिछले साल से 1000 करोड़ रुपये ज्यादा है।

सब्सिडी लेकर दो साल से दबा बैठे बैंक

कलेक्टर ने बताया कि कोटा विकासखंड के तीन बैंकों – सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और एसबीआई लखराम शाखा को अंत्यावसायी योजना के तहत 8 लाख रुपये की सब्सिडी जारी की गई थी। लेकिन इन बैंकों ने न तो गरीब हितग्राहियों को लोन दिया और न ही सरकारी सब्सिडी वापस की। कलेक्टर ने इसे गंभीर मामला बताया और संबंधित बैंकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।

गरीबों को लोन देने में कंजूसी क्यों?

कलेक्टर ने यह भी कहा कि डेयरी और मछली पालन जैसे क्षेत्रों में लोन देने में बैंकों की उदासीनता चिंता की बात है। उन्होंने सभी लंबित प्रकरणों की जल्द जांच कर ऋण स्वीकृति देने को कहा। उन्होंने बैंकों से अपील की कि गरीबों पर भरोसा करें, वे लोन चुकता जरूर करेंगे।

मुद्रा लोन, बीमा और साक्षरता पर भी जोर

बैठक में कलेक्टर ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, सुरक्षा बीमा योजना और जीवन ज्योति बीमा योजना की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने बताया कि अब तक केवल 1541 दावे किए गए हैं, जिनमें से 1139 का भुगतान हुआ है। कलेक्टर ने जनजागरूकता और वित्तीय साक्षरता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।

कलेक्टर ने कहा – अभियान चलाकर लोन बांटें

अंत में कलेक्टर ने सभी बैंकों से कहा कि अगले दो महीनों में अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा पात्र लोगों को लोन दिया जाए, ताकि सरकारी योजनाओं का असली फायदा जरूरतमंदों तक पहुंचे।

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