बारिश के बावजूद जारी रहा संघर्ष समिति का धरना आंदोलन

बिलासपुर छत्तीसगढ़ के दूसरे बड़े शहर बिलासपुर का एयरपोर्ट अभी भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। डेढ़ साल पहले मंजूर हुआ नया आगमन हॉल (अराइवल हॉल) आज तक बन नहीं पाया है। जिससे अब भी यात्री खुद ही अपने सामान को विमान तक और विमान से बाहर ढो रहे हैं। न कन्वेयर बेल्ट है, न ठहरने की समुचित जगह।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा कि जब 2021 में एयरपोर्ट की शुरुआत हुई थी, तभी टर्मिनल बिल्डिंग के विस्तार और आधुनिक सुविधाओं के लिए 6 करोड़ 70 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। बाद में, 2023 में डिपार्चर हॉल और अराइवल हॉल दोनों के विस्तार की मंजूरी मिली थी। डिपार्चर हॉल का कुछ विस्तार जरूर हुआ, लेकिन अराइवल हॉल की हालत अब भी जस की तस बनी हुई है।

यात्रियों को विमान से उतरने के बाद न तो समुचित जगह मिलती है खड़े होने की, न ही सामान लाने के लिए कन्वेयर बेल्ट जैसी सुविधा। पूरा हॉल इतना छोटा है कि एक साथ एक फ्लाइट के यात्री भी नहीं समा पाते। प्रस्ताव था कि मौजूदा अराइवल हॉल को डिपार्चर हॉल में जोड़कर नया हॉल बनाया जाएगा, इसके लिए एक शेड भी लगाया गया था, लेकिन बाद में सारा काम ठप पड़ गया।

जन संघर्ष समिति ने मांग की है कि अराइवल हॉल का निर्माण कार्य तत्काल शुरू किया जाए और कन्वेयर बेल्ट सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं जल्द से जल्द मुहैया कराई जाएं।

बारिश के बावजूद समिति का धरना रविवार को भी जारी रहा। प्रदर्शन में डॉ. प्रदीप राही, समीर अहमद बबला, देवेंद्र सिंह ठाकुर, अशोक भंडारी, आशुतोष शर्मा, मनोज तिवारी, पूर्व महापौर रामशरण यादव, अमर बजाज, रंजीत सिंह खनूजा, शिवा मुदलियार, लक्की यादव, विनय शुक्ला, प्रेमदास माणिकपुरी, नीरज सोनी और सुदीप श्रीवास्तव समेत कई लोग शामिल रहे।

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