बिलासपुर। सिम्स मेडिकल कॉलेज में इंटर्न डॉक्टरों ने यौन उत्पीड़न की गंभीर शिकायत सामने आई है। इंटर्न डॉक्टरों ने सीनियर एसोशिएट प्रोफेसर और एचओडी पर छेड़खानी का आरोप लगाया है। यह मामला बीते जुलाई माह का है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से इंटर्न डॉक्टरों में भारी आक्रोश है।
इंटर्न डॉक्टरों का आरोप
2019 बैच की महिला इंटर्न डॉक्टरों ने कलेक्टर और डीएमई (डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन) से शिकायत की थी कि उनके सीनियर एसोसिएट प्रोफेसर और एचओडी उनके साथ लगातार छेड़छाड़ करते हैं। इंटर्न डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें बैड टच किया गया और विरोध करने पर इंटर्नशिप की लाॉग बुक में साइन नहीं करने की धमकी दी गई। इतना ही नहीं, इंटर्नशिप के एक्सटेंशन में भी अड़चन डालने की धमकी दी गई थी।
जांच कमेटी बनी, लेकिन कार्रवाई नहीं
शिकायत के बाद कलेक्टर ने इसे सीएमएचओ (चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर) के पास भेज दिया था। वहीं, डीएमई ने डीन डॉ. केके सहारे को इस मामले की जांच कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सिम्स के डीन ने महिला यौन उत्पीड़न कमेटी से जांच कराई, जिसमें डॉ. संगीता जोगी और अन्य सदस्य शामिल थे। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट डीन को सौंप दी है, लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
प्रबंधन पर मामले को दबाने का आरोप
इंटर्न डॉक्टरों का आरोप है कि सिम्स प्रबंधन इस मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है। जांच रिपोर्ट मिलने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे इंटर्न डॉक्टरों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
एक और महिला की शिकायत
इसी बीच, एक और महिला ने सिम्स के डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला ने बताया कि उसका भाई कमर दर्द की शिकायत के चलते सिम्स में भर्ती था। जब उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो वह डॉक्टर से मिलने गई। डॉक्टर ने उसे बेड शेयर करने की बात कही। महिला ने तुरंत मना कर दिया। महिला ने कहा कि डॉक्टर ने इस बात को किसी से न कहने की धमकी देते हुए उसके पति की नौकरी खत्म करने की धमकी भी दी।
सिम्स के डीन डॉ. केके सहारे ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जरूरी है, लेकिन किसी भी आरोप को बिना सत्यापन के स्वीकार नहीं किया जा सकता।