रक्षा मंत्रालय द्वारा अधिग्रहित 1012 एकड़ जमीन का मामला फिर से उलझ गया है। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बताया कि 90 करोड़ रुपये की धनराशि, जो कि पहले राज्य सरकार द्वारा रक्षा मंत्रालय को दी गई थी, अब वापस कर दी गई है। समिति ने राज्य सरकार से इस मामले पर स्थिति स्पष्ट करने और जनता के समक्ष सारे तथ्य लाने की मांग की है।

सेना की मांग, नया रायपुर में जमीन 

रक्षा मंत्रालय ने अब “नया रायपुर” में जमीन की मांग की है और इसके बदले बोदरी चकरभाठा के एयरपोर्ट के चारों ओर की जमीन वापस करने का प्रस्ताव रखा है। समिति ने यह भी बताया कि यह मांग सेना ने 2021 में भी की थी, लेकिन तब राज्य सरकार ने नया रायपुर की जमीन की कीमत अधिक होने के कारण अतिरिक्त धनराशि की मांग की थी, जिसे सेना ने स्वीकार नहीं किया था। इसके बाद, राज्य सरकार ने अधिग्रहण में खर्च की गई धनराशि वापस कर दी थी, लेकिन सेना ने अपनी मांग से पलटते हुए अब तक जमीन वापस नहीं की है।

समिति का विरोध और धरना जारी

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बताया कि 2011 में रक्षा मंत्रालय द्वारा अधिग्रहित 1012 एकड़ जमीन पर कोई कार्य नहीं किया गया और अब 13 साल बीत चुके हैं। नियमों के अनुसार, यदि अधिग्रहण के 5 साल के भीतर जमीन पर कोई सार्वजनिक कार्य नहीं होता, तो वह जमीन लैंड बैंक में चली जाती है। लेकिन, राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय को 90 करोड़ रुपये वापस कर दिए हैं, बावजूद इसके कि सेना ने जमीन वापस नहीं की। समिति ने इसे जनहित के खिलाफ बताया और अपना विरोध जारी रखा है। हवआई सुविधा जनसंघर्स समिति का धरना शनिवार और रविवार को जारी रहा।

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