बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित सिम्स मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इंटर्न डॉक्टरों के साथ हो रहे यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के मामलों पर पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर अश्लील हरकतें करेंगे तो मरीज किस विश्वास के साथ इलाज के लिए आएंगे।
सरकार की नीतियों पर सवाल
शैलेश पांडेय ने आरोप लगाया कि सरकार महतारी वंदन योजना जैसी योजनाओं का सिर्फ दिखावा कर रही है, जबकि असल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में सिर्फ बिलासपुर में ही 130 से अधिक रेप की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन सरकार इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है।
इंटर्न डॉक्टरों के लिए न्याय की मांग
पांडेय ने कहा कि सिम्स के इंटर्न डॉक्टरों की शिकायत के बावजूद मामले में केवल जांच का खेल चल रहा है और इंटर्न्स को न्याय नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने सरकार से इंटर्न डॉक्टरों के साथ न्याय करने और उन्हें सुरक्षित वातावरण देने की मांग की। साथ ही, शहर के डॉक्टर्स से भी आग्रह किया कि वे इंटर्न्स का साथ देकर उन्हें मानसिक मजबूती प्रदान करें।
एयरपोर्ट की जमीन का पैसा लौटाना दुर्भावनापूर्ण
पांडेय ने कहा बिलासपुर में विकास के नाम पर बीजेपी सरकार की नीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बिलासपुर को “खोदापुर” का तमगा देने वाली बीजेपी सरकार एक बार फिर शहर को पीछे धकेलने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस सरकार के समय ही बिलासपुर एयरपोर्ट को 3C कैटेगरी का लाइसेंस मिला था, और हवाई सेवा की शुरुआत हुई थी। इस विकास में कांग्रेस की राजनीतिक इच्छाशक्ति और जनप्रतिनिधियों का महत्वपूर्ण योगदान था।
कांग्रेस सरकार के समय ही नाइट लैंडिंग की सुविधा के लिए भी पैसा स्वीकृत हुआ, जिससे आज यह काम पूरा होने के करीब है। जब एयरपोर्ट को 4C कैटेगरी में अपग्रेड करने की बात आई, तब भी कांग्रेस ने जमीन के पैसे की मांग की थी और केंद्र सरकार से लगातार संवाद किया।
बिलासपुर की संघर्ष समिति ने वर्षों से एयरपोर्ट के उन्नयन के लिए संघर्ष किया है। लेकिन डबल इंजन सरकार के आने के बाद से बिलासपुर के साथ भेदभाव किया जा रहा है।