बिलासपुर। तोरवा थाने में बीते दिनों किए गए प्रदर्शन के बाद हिंदुत्ववादी संगठनों के 35 लोगों के खिलाफ दर्ज एफ आई आर रद्द करने तथा दूसरे पक्ष पर अपहरण का अपराध दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग को लेकर आज कलेक्ट्रेट के सामने जमकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने चक्का जाम और हनुमान चालीसा का पाठ किया। उन्होंने सरकार तथा प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की।
मालूम हो कि रेलवे इलाके की एक 19 वर्षीय युवती पिछले दिनों कोचिंग क्लास जाने के लिए निकली थी लेकिन अचानक गायब हो गई। यह मालूम होने पर कि अन्नपूर्णा विहार कॉलोनी निवासी आफताब हुसैन नाम के रेलवे क्लर्क की बहन उसे घर से लेकर गई थी, हिंदुत्ववादी संगठनों ने तोरवा थाने में पहुंचकर घेराव कर दिया और नारेबाजी करते हुए अपहरण का मामला दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने लोकेशन पता किया तो युवती के रायपुर में होने का पता चला। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कहा कि युवती से संपर्क हो चुका है, वह थाने आना चाहती है इसलिए वे आंदोलन समाप्त करें। बाद में युवती ने पुलिस के समक्ष आकर बयान दिया कि वह अपनी मर्जी से युवक के साथ गई थी और उससे विवाह कर रही है। युवक और युवती दोनों बालिग है इसलिए पुलिस ने कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया। युवक बिलासपुर रेलवे में क्लर्क है। कोरोना काल में रेलवे क्लर्क पिता की मृत्यु हो जाने के कारण उसे अनुकंपा नियुक्ति दी गई है।
इस घटना के 5 दिन बाद पुलिस ने थाने में प्रदर्शन करने वाले 35 लोगों के खिलाफ आईपीसी 353 सहित अन्य धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया।
इसके विरोध में आज दोपहर हिंदू संगठनों ने लाल बहादुर शास्त्री स्कूल मैदान से रैली निकाली और सभी नेहरू चौक होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। पुलिस ने से नेहरू चौक से आगे बढ़ने से रोका जिसके चलते धक्का-मुक्की की स्थिति पैदा हुई। कलेक्ट्रेट परिसर में भीतर घुसने से रोकने पर सड़क पर ही बैठ कर प्रदर्शनकारियों ने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। बाद में कलेक्टर सौरभ कुमार से एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ द्वेष पूर्ण कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके बाद आंदोलन स्थगित किया गया।
प्रदर्शन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी संगठन तथा कई हिंदू संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए।

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