रायपुर। उप मुख्यमंत्री और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री अरुण साव ने आज लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए जल जीवन मिशन के कार्यों को मिशन मोड में तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। रायपुर के नीर भवन में आयोजित इस बैठक में उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भू-जल संवर्धन और भू-जल स्त्रोतों के रिचार्ज पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया।

अनुभव प्रमाण पत्र में गड़बड़ी पर कड़ी कार्रवाई

अरुण साव ने बैठक के दौरान 12 समूह जल प्रदाय योजनाओं के टेंडर में ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत अनुभव प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने तुरंत निविदा निरस्त कर निविदाकारों के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्यवाही करने का आदेश दिया।

सोलर पंप और तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी की मॉनिटरिंग

उप मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्रेडा (CREDA) द्वारा स्थापित किए जा रहे सोलर पंपों की सतत मॉनिटरिंग का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि क्रेडा के अधिकारियों के साथ मिलकर इन पंपों के मापदण्डों की संयुक्त समीक्षा की जाए। इसके अलावा, तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी के कार्यों की भी अलग से मॉनिटरिंग करने पर जोर दिया, जिससे कार्यों की गुणवत्ता में सुधार आएगा।

जल उत्सव के आयोजन और योजना का प्रचार-प्रसार

साव ने निर्देश दिया कि जहां जल जीवन मिशन के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, वहां जल उत्सव का आयोजन कर योजना का प्रचार-प्रसार किया जाए। इससे अन्य गांव भी इस योजना से लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने विभाग के मैदानी कर्मचारियों को लगातार कार्यस्थलों का भ्रमण कर कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता पर नजर रखने के निर्देश भी दिए।

विभागीय कार्यों की प्रगति की जानकारी

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक ने बैठक में विभागीय कार्यों की भौतिक और वित्तीय प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभागीय मशीनों के साथ-साथ जल जीवन मिशन की मशीनों के लिए 15 नवंबर तक की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। मिशन के कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है ताकि दिसम्बर 2024 तक सभी योजनाओं के शेष कार्य पूर्ण हो सकें।

इस समीक्षा बैठक में इस बैठक में जल जीवन मिशन के संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे, विभाग के प्रमुख अभियंता डॉ. एम.एल. अग्रवाल के साथ रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर जोन के मुख्य अभियंता भी मौजूद थे।

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