बिलासपुर। आधुनिकता के साथ तेजी से विकास ने पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया है। इसका समाधान बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाकर ही संभव है। इसी सोच के तहत ओटिस इंडिया ने ‘मेड टू मूव कम्युनिटीज़’ ग्लोबल चैलेंज के अंतर्गत बिलासपुर के भारत माता हायर सेकेंडरी स्कूल के आठ छात्रों को सम्मानित किया। इन छात्रों ने ‘गो-ग्रीन’ प्रोजेक्ट के माध्यम से पर्यावरण-अनुकूल यातायात समाधान प्रस्तुत किया।

छात्रों का हरे-भरे भविष्य की ओर प्रयास

ओटिस इंडिया के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में, इन छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने का प्रयास किया। इस प्रोजेक्ट में विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) का उपयोग किया गया, जिससे न केवल हरित क्षेत्रों को बढ़ाने के उपाय सुझाए गए, बल्कि एक स्वस्थ भविष्य की नींव भी रखी गई।

छात्रों की मेहनत को सराहना

ओटिस इंडिया के प्रेसिडेंट सेबी जोसेफ ने कहा, “हम इन होनहार छात्रों की मेहनत और उनके सामाजिक कल्याण के प्रति जुनून की सराहना करते हैं। इनका यह समाधान हरित क्षेत्रों की पहुंच को बढ़ाता है और नवाचार के माध्यम से एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करता है।”

नई चुनौती की घोषणा

ओटिस इंडिया ने अगले वर्ष के ‘मेड टू मूव कम्युनिटीज़’ चैलेंज की भी घोषणा की। इसका विषय होगा ‘एआई का उपयोग कर शहरी यातायात समाधान विकसित करना’। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य शहरी यातायात समस्याओं का हल खोजना और छात्रों में एसटीईएम शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाना है।

वर्ष 2020 से अब तक, इस प्रतियोगिता ने 750 छात्रों और ओटिस के सैकड़ों कर्मचारियों को जोड़ा है। भाग लेने वाले स्कूलों को लगभग 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान मिला है, ताकि वे अपने एसटीईएम प्रोग्राम्स को आगे बढ़ा सकें। इस साल, पहली बार सभी क्षेत्रीय विजेता टीमें फाइनल राउंड में मुकाबला करेंगी, और एक ग्लोबल चैम्पियन टीम चुनी जाएगी।

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