छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में शनिवार को एक बारूद फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट में 12 लोगों के मारे जाने और कई के घायल होने की आशंका है। एक की मौत की पुष्टि अभी तक हुई है।

यह विस्फोट बेरला ब्लॉक के बोरासी गांव में स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड फैक्ट्री में हुआ। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है।
राज्य सरकार ने विस्फोट की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
जानकारी के मुताबिक विस्फोट सुबह 6 से 7 बजे के बीच हुआ। फैक्ट्री में 800 से ज़्यादा कर्मचारी लिक्विड विस्फोटक बनाने के लिए काम करते हैं। साइट पर दो और टैंक हैं, जिनमें से प्रत्येक में 15,000 लीटर लिक्विड विस्फोटक है, जिनमें से एक लीक हो रहा है। अन्य दो टैंक पास में ही स्थित हैं। इन्हें लेकर भी लोग चिंतित हैं। घटनास्थल का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें दिखाई दे रहा है कि विस्फोट के बाद कई मीटर ऊंचा गुबार उठने लगा और आसपास लोग दहशत में आ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक घटना के बाद करीब 800 मीटर तक जमीन व मकानों में कंपन महसूस किया गया।
विस्फोट के बाद सात घायलों को रायपुर के मेकाहारा अस्पताल ले जाया गया, जहां एक श्रमिक सेवक राम ध्रुव की मौत हो गई। बाकी 6 का इलाज चल रहा है। कई अन्य घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट स्थल के आसपास मानव अवशेष बिखर गए थे और वहां भयानक दृश्य था।
विस्फोट ने स्थानीय निवासियों में गुस्सा पैदा कर दिया है। फैक्ट्री में बार-बार छोटे-मोटे विस्फोट होते रहे हैं, जिससे ने ग्रामीणों को डर लगा रहता है। विस्फोट से कई घरों को नुकसान पहुंच चुका है।
बेमेतरा के कलेक्टर रणबीर शर्मा ने बताया कि एसडीएम सहित एक प्रशासनिक टीम घटनास्थल पर मौजूद है और बचाव कार्य जारी है। घायलों या फंसे हुए लोगों की सही संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। मलबा हटाने और आगे की खोज और बचाव प्रयासों में सहायता के लिए एसडीआरएफ की एक टीम तैनात है।
घायल कर्मचारियों ने फैक्ट्री में सुरक्षा उपायों की कमी की बात बताई है। रायपुर रेफर किए गए घायल कर्मचारियों में से एक चंदन कुमार ने बताया कि विस्फोट के समय वे दूसरी बिल्डिंग में काम कर रहे थे, फिर भी उन्हें चोटें आईं। उन्होंने फायर ब्रिगेड की अनुपस्थिति और अपर्याप्त सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी की बात बताई। उन्होंने कहा कि कर्मचारी प्रतिदिन आठ घंटे काम करते हैं और उनको केवल 8 हजार रुपये हर माह मिलते हैं।
घटना पर दुख जताते हुए छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि पुलिस अधीक्षक घटना की जांच कर रहे हैं और प्रशासनिक और पुलिस दोनों टीमें मौके पर हैं।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here