बिलासपुर। डी.पी. विप्र महाविद्यालय में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए ‘चेतना’ कार्यक्रम और निःशुल्क आयुर्वेदिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।

इस आयोजन में बिलासपुर पुलिस और एन.सी.सी./एन.एस.एस. के संयुक्त तत्वावधान में महिला एवं बाल अपराधों के विरुद्ध जागरूकता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ए.एस.पी. गरिमा द्विवेदी ने महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों के कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बालिकाओं को बचपन से ही सहनशील और कमजोर बनाने की प्रवृत्ति से अपराधियों को बल मिलता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पुलिस प्रशासन इन अपराधों पर रोक लगाने के लिए पूरी संवेदनशीलता से प्रयासरत है।

विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रदीप सूर्यवंशी ने आयुर्वेद के महत्व पर जोर देते हुए स्वस्थ जीवन के लिए आयुर्वेदिक उपचार अपनाने की सलाह दी। प्राचार्य एम.एस. तम्बोली ने अपने उद्बोधन में कहा कि नारी के बिना सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने नारियों के प्रति बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई और नैतिक शिक्षा पर बल देने की बात कही।

इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. आभा तिवारी ने किया और आभार प्रदर्शन डॉ. आशीष शर्मा ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, कर्मचारी, और एन.सी.सी./एन.एस.एस. के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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