कवर्धा के लोहारीडीह में हालिया आगजनी और मौत की घटनाओं को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। AAP छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू के निर्देश पर पार्टी की जांच समिति ने घटनास्थल का दौरा किया और जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की। पार्टी की ओर से मामले की निष्पक्ष जांच और गृह मंत्री विजय शर्मा के इस्तीफे की मांग की गई है।

घटनाओं की पड़ताल

AAP की प्रदेश उपाध्यक्ष, एडवोकेट प्रियंका शुक्ला के नेतृत्व में अभिषेक मिश्रा, मिथलेश बघेल, ललित बघेल, भूपेश तिवारी सहित अन्य सदस्यों की टीम ने 24 सितंबर 2024 को लोहारडीह पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया। यह दौरा स्थानीय भाजपा नेता रघुनाथ और उनकी पत्नी भगोतिया के घर पर आगजनी और शिव प्रसाद की संदिग्ध मौत के बाद हुआ। जांच टीम ने परिवार वालों से मुलाकात कर जानकारी जुटाई।

रघुनाथ की भांजी, रुकमनी ने बताया कि भीड़ ने उनके घर को जलाने का प्रयास किया और उनकी दो गाड़ियाँ जला दीं। जली हुई गाड़ियाँ पुलिस द्वारा जब्त की जा चुकी हैं। जांच टीम के अनुसार, गांव में रघुनाथ और शिव प्रसाद के बीच लंबे समय से व्यक्तिगत और राजनीतिक विवाद चल रहे थे। शिव प्रसाद की पत्नी से छेड़खानी और बलात्कार के आरोपों में रघुनाथ के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई थी, जिसके बाद समाज ने रघुनाथ पर जुर्माना लगाया और समझौता करवा दिया था।

संदेहास्पद हालात में हुई शिव प्रसाद की मौत

जांच के दौरान मृतक शिव प्रसाद के रिश्तेदारों ने बताया कि गांव की चारागाह की 72 एकड़ जमीन पर रघुनाथ का अवैध कब्जा था, जिससे पूरे गांव में नाराजगी थी। यह मामला फिलहाल कोर्ट में चल रहा है। तिहारू साहू, शिव प्रसाद के चाचा, ने आरोप लगाया कि शिव प्रसाद की हत्या को आत्महत्या करार देकर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि शिव प्रसाद की मौत के दिन गांव वालों को उसकी लाश देखने का समय भी नहीं दिया गया और हड़बड़ी में अंतिम संस्कार करवा दिया गया।

पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल

प्रशांत साहू, जो भाजपा के समर्थक थे और इरिगेशन विभाग में काम करते थे, की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रशांत के परिवार ने बताया कि घटना के दिन पुलिस ने उनके घर से प्रशांत, उनकी मां और भाई कन्हैया को मारपीट कर गिरफ्तार किया था। पुलिस ने यह जानकारी घरवालों को नहीं दी कि प्रशांत की मौत हो चुकी है। उनकी मौत की खबर घरवालों को मीडिया के माध्यम से मिली। प्रशांत की पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी थी, और उनका 8 वर्षीय बेटा गीतेश अब बेसहारा हो गया है। परिवार ने सरकार पर आरोप लगाया कि मामले को 10 लाख रुपये का मुआवजा देकर दबाने की कोशिश की जा रही है।

गृह मंत्री विजय शर्मा से इस्तीफे की मांग

आम आदमी पार्टी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने दो साल से लगातार हो रही घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया, जिससे यह बड़ा कांड हुआ। पार्टी का कहना है कि गृह मंत्री विजय शर्मा, जो उपमुख्यमंत्री भी हैं, अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे हैं। AAP ने गृह मंत्री से तत्काल इस्तीफे की मांग की है।

आम आदमी पार्टी की मांगें:

  1. मुआवजा: प्रशांत साहू, शिव प्रसाद और रघुनाथ के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।
  2. न्यायिक जांच: इन तीनों घटनाओं की जांच के लिए न्यायिक जज की नियुक्ति की जाए और 6 महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
  3. बच्चों की पढ़ाई: मृतकों के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी सरकार ले और उन्हें अच्छे स्कूलों में दाखिला दिलवाया जाए।
  4. रोजमर्रा की जरूरतें: रघुनाथ के परिवार को कपड़े और भोजन की त्वरित व्यवस्था की जाए।
  5. गृह मंत्री का इस्तीफा: गृह मंत्री विजय शर्मा और पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव को बर्खास्त कर दोषी पुलिस कर्मियों पर FIR दर्ज की जाए।

आम आदमी पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों को पूरा नहीं किया गया तो पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू के नेतृत्व में कवर्धा में बड़ा प्रदर्शन करेगी।

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