बिलासपुर। कवर्धा में पुलिस हिरासत में प्रशांत साहू की मौत के बाद राज्य सरकार के दो उपमुख्यमंत्री और एक मंत्री पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए की सहायता राशि देने पहुंचे थे। इस पर पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने सरकार पर हमला बोला है।

पांडेय ने आरोप लगाया कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने और कलंक मिटाने के लिए 10 लाख लेकर कवर्धा पहुंची थी। राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं और प्रशासन स्थिति संभालने में नाकाम साबित हो रहा है। सतनामी समाज के बाद अब साहू समाज को भी सरकार प्रताड़ित कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से विफल है , जो अपराधों के आगे दण्डवत हो चुकी है। सरकार ने केवल 10 लाख की सहायता राशि देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की है। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।

आश्वासन पर्याप्त नहीं
प्रशांत साहू की पुलिस हिरासत में हुई मौत को लेकर जनता में रोष व्याप्त है। राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा और राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए लोहारीडीह पहुँचे और 10 लाख रुपए का चेक सौंपा।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने आश्वासन दिया कि घटना की हर पहलू से जांच होगी और दोषियों को सजा मिलेगी।

पूर्व विधायक शैलेश पांडेय का कहना है कि यह आश्वासन पर्याप्त नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बलौदा बाजार की घटना के पीड़ितों को न्याय मिला? क्या यह सरकार सिर्फ आश्वासन देकर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है?

गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग 
शैलेश पांडेय ने गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था की इस बदतर स्थिति में सरकार को जनता के सामने जवाबदेह होना चाहिए।

पांडेय ने कहा कि लोहारीडीह के लोगों को राशन जैसी बुनियादी सुविधाएँ नहीं मिल रही हैं। सरकार की नीतियाँ फेल हो चुकी हैं और अब समय आ गया है कि जनता को न्याय मिले।

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