रायगढ़ में समारोह का भव्य शुभारंभ, 10 दिन तक चलेगा उत्सव 

रायगढ़।  40वें चक्रधर समारोह का राज्यपाल रमेन डेका ने आज शाम भव्य शुभारंभ किया। भगवान गणपति की पूजा-अर्चना के साथ यह आयोजन प्रारंभ हुआ, जिसमें राज्यपाल ने संगीत सम्राट राजा चक्रधर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।

आस्था, संस्कृति और कला का संगम

राज्यपाल डेका ने अपने संबोधन में कहा, “चक्रधर समारोह हमें अतीत की स्वर्णिम स्मृतियों से जोड़ता है और हमारे अमूल्य विरासत को संजोने का महान संकल्प है।” उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा में यह समारोह सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का महत्वपूर्ण माध्यम है।
उन्होंने यह भी बताया कि असम और छत्तीसगढ़ का गहरा ऐतिहासिक संबंध है। ब्रिटिश काल में इस क्षेत्र के लोग असम गए थे। असम में मंत शंकरदेव द्वारा साहित्य और कला के संरक्षण के प्रयासों की तुलना उन्होंने रायगढ़ के राजा चक्रधर सिंह के योगदान से की और कहा कि असम में उनके नाम पर पुरस्कार देने की योजना है।

रायगढ़ घराने का महत्व और सांस्कृतिक धरोहर

राज्यपाल ने रायगढ़ घराने को भारतीय शास्त्रीय कला और संस्कृति की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा, “राजा चक्रधर सिंह ने कथक नृत्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और अपनी रचनाओं—नर्तन सर्वस्व, तालतोय निधि और राग रत्न मंजूषा—से संगीत और नृत्य को नई दिशा दी।”
उन्होंने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में जब लोग संस्कृति से दूर हो रहे हैं, तब ऐसे आयोजन हमें अपनी जड़ों से जोड़ने का काम करते हैं। रायगढ़ की पहचान का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि यह वही धरती है जहाँ उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई, हरिप्रसाद चौरसिया की बांसुरी, और पं. जसराज की संगीत ध्वनियाँ गूंजती रही हैं।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया भारत का सांस्कृतिक पुनर्जागरण

शुभारंभ अवसर पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत विविधता में एकता है। उन्होंने कहा कि राजा चक्रधर सिंह ने उस समय रायगढ़ घराने की स्थापना कर भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया जब कथक में केवल जयपुर और बनारस घराने प्रसिद्ध थे।
शेखावत ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से मुक्त होकर संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान बना रहा है। आज भारत सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है।”
उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी दस दिनों तक रायगढ़ सांस्कृतिक रंगों में सराबोर रहेगा और देश-विदेश से आए कलाकार इस आयोजन को भव्य बनाएंगे।

विकास और राष्ट्रीय पहचान की दिशा में प्रयास

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि चक्रधर समारोह को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही रायगढ़ में सांस्कृतिक और पर्यटन विकास को गति दी जा रही है। उन्होंने भोरमदेव मंदिर सहित कई परियोजनाओं के लिए विशेष राशि आवंटन की जानकारी दी।

सांसदों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति

राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने समारोह को गरिमामयी बनाने के लिए आए सभी अतिथियों का स्वागत किया और राजा चक्रधर सिंह के योगदान को ऐतिहासिक बताया। रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया ने कहा कि यह आयोजन रायगढ़ की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाई दे रहा है।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल, सांसद कमलेश जांगड़े, सांसद रूपकुमारी चौधरी, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, नगर निगम महापौर जीववर्धन चौहान सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और दर्शक उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here