रायपुर। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक अब एक ही जमीन पर नाम दर्ज होने के बावजूद अलग-अलग पात्र परिवारों को स्वतंत्र रूप से योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना में प्रत्येक पात्र किसान परिवार को सालाना न्यूनतम 6,000 रुपये की सहायता सीधे बैंक खाते में दी जाती है।

योजना की परिभाषा के अनुसार ‘किसान परिवार’ पति-पत्नी और अवयस्क बच्चों को कहा गया है। इस आधार पर यदि एक ही भूमि खाता कई परिवारों से जुड़ा है तो लाभ खाता संख्या से नहीं बल्कि परिवार इकाई से दिया जाएगा। मालूम हो कि सहायता राशि हर साल तीन किस्तों में दी जाती है, प्रत्येक किस्त 2,000 रुपये की होती है।

भारत सरकार ने यह योजना वर्ष 2019 में शुरू की थी, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराना है। फरवरी 2025 में योजना की 20वीं किस्त जारी की गई, जिसके तहत छत्तीसगढ़ के 25 लाख 47 हजार किसानों को 553 करोड़ 34 लाख रुपये प्रदान किए गए।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि योजना की राशि केवल पात्र किसानों तक ही पहुँचेगी। इसके लिए पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रखी गई है और रकम सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में अंतरित की जाती है। नियमित रूप से पात्रता की जाँच कर नए परिवारों को भी योजना से जोड़ा जा रहा है।

हालाँकि, सभी किसान इस योजना के दायरे में नहीं आते। संस्थागत भूमि धारक, सांसद, विधायक, मंत्री, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, संवैधानिक पदों के पूर्व और वर्तमान पदाधिकारी, सरकारी अधिकारी-कर्मचारी (चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर), 10,000 रुपये से अधिक पेंशनधारी और आयकरदाता परिवार इस योजना से बाहर रखे गए हैं।

सरकार का उद्देश्य है कि केवल वास्तविक छोटे और मध्यम किसान परिवारों को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक मदद देकर उनकी आजीविका को मजबूती दी जा सके।

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