बिलासपुर। इस बार 21 जून को मनाए जाने वाले 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को और खास बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा 10 प्रमुख कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है। योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ की थीम पर केंद्रित यह आयोजन न सिर्फ देशभर में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की सांस्कृतिक शक्ति का संदेश देगा।
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि योग दिवस 2025 के मौके पर भारत सरकार द्वारा ये प्रमुख आयोजन किए जा रहे हैं:
🟩 1. योग संगम
देश के 10,000 स्थानों पर एक साथ सामूहिक योग अभ्यास कराया जाएगा। इसका लक्ष्य विश्व रिकॉर्ड बनाना है।
🟩 2. योग वंदन
भारत सरकार ने 10 देशों के साथ साझेदारी कर प्रतिष्ठित स्थलों पर विशेष योग सत्र आयोजित करने की योजना बनाई है। यह वैश्विक स्तर पर योग के प्रति जुड़ाव को बढ़ावा देगा।
🟩 3. योग पार्क अभियान
1,000 स्थायी योग पार्क बनाए जाएंगे जहां आम लोग नियमित रूप से योग कर सकें। यह दीर्घकालिक सामुदायिक स्वास्थ्य का आधार बनेगा।
🟩 4. समावेशी योग कार्यक्रम
दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक, बच्चे और समाज के हाशिए पर मौजूद वर्गों के लिए अलग से विशेष योग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
🟩 5. वैश्विक योग शिखर सम्मेलन
प्रसिद्ध योग विशेषज्ञों और स्वास्थ्य पेशेवरों की भागीदारी से वर्चुअल अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होगा। इसमें योग के वैज्ञानिक और वैश्विक प्रभावों पर चर्चा होगी।
🟩 6. योग + हरियाली अभियान
योग को वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियानों से जोड़ा जाएगा। योग दिवस पर विशेष तौर पर पेड़ लगाए जाएंगे और स्वच्छता गतिविधियां चलेंगी।
🟩 7. योग महाकुंभ उत्सव
देशभर के 10 प्रमुख शहरों में एक सप्ताह तक चलने वाले योग महोत्सव का आयोजन होगा। समापन प्रधानमंत्री की मौजूदगी में होगा।
🟩 8. संयोगम पहल
100 दिनों का विशेष अभियान, जिसमें योग और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं को एक साथ जोड़ते हुए समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जाएगा।
🟩 9. स्कूलों और महाविद्यालयों में योग
छात्रों के लिए विशेष योग कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी ताकि युवाओं को योग से जोड़ने की प्रक्रिया तेज हो।
🟩 10. योग-आधारित रिसर्च को बढ़ावा
योग से संबंधित वैज्ञानिक शोध और दस्तावेजीकरण को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि विश्व पटल पर योग को एक प्रमाणित चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित किया जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन आयोजनों के ज़रिए योग को केवल एक शारीरिक व्यायाम के रूप में नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली और मानसिक संतुलन के साधन के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।