बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राजधानी रायपुर के सड्डू स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय के छात्रों द्वारा किए गए चक्काजाम और विधानसभा घेराव के प्रयास पर गहरी नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज कर सुनवाई शुरू की। मुख्य न्यायाधीश ने सवाल उठाया कि आखिरकार छात्रों को सड़कों पर उतरने की अनुमति किसने दी, और अगर कोई हादसा हो जाता, तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होती?

शासन के जवाब पर अदालत की नाराजगी

मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच के समक्ष महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत और उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने शासन की ओर से बताया कि छात्रों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। इसके बावजूद हाईकोर्ट ने इस जवाब पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि सरकारी संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं की कमी क्यों हो रही है और सरकार इसे गंभीरता से क्यों नहीं देख रही है। उन्होंने कहा, “बच्चों का सड़कों पर उतरना और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति प्रशासन की विफलता को दर्शाती है।”

मुख्य सचिव को जांच और शपथ पत्र देने का आदेश

हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव को जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने मुख्य सचिव से अगली सुनवाई तक अपना शपथ पत्र प्रस्तुत करने को कहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी।

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