बिलासपुर। हाईकोर्ट ने बिलासपुर शहर में बिजली खंभों पर लटकते इंटरनेट केबल्स के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने सोमवार को सुनवाई करते हुए इस मामले में सीएसपीडीसीएल (छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड) पर कड़ी नाराजगी जताई और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

हाईकोर्ट ने कहा कि शहर में बिजली के खंभों पर तारों का मकड़जाल फैलाया गया है, जिससे न केवल नागरिकों की सुरक्षा खतरे में है, बल्कि यह प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर करता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह स्थिति नई नहीं है, और इसे रेगुलर मेंटेनेंस के दौरान ठीक क्यों नहीं किया गया।

प्रबंध निदेशक से मांगा व्यक्तिगत हलफनामा

कोर्ट ने सीएसपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक, रायपुर को आदेश दिया है कि वे बिलासपुर सहित पूरे राज्य में बिजली खंभों पर लटकते तारों की स्थिति पर व्यक्तिगत शपथ पत्र दाखिल करें। इसके साथ ही, बिलासपुर क्षेत्र के अधिकारियों को पूरे शहर में केबल्स को हटाने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्यभर में कार्रवाई के आदेश

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि केवल बिलासपुर ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य में बिजली खंभों पर लटकते केबल्स की समस्या का समाधान किया जाए। कोर्ट ने इस मामले को अत्यधिक गंभीरता से लेते हुए प्रबंधन की जवाबदेही तय करने की बात कही।

अगली सुनवाई 16 जनवरी को

हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को तय की है, जहां प्रबंध निदेशक और संबंधित अधिकारियों को प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सभी विभाग समन्वय बनाकर इस समस्या का स्थायी समाधान करें।

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