बिलासपुर। राजस्व विभाग में बड़े पैमाने पर हुए तबादलों के बाद सिमगा तहसीलदार और तहसीलदार संघ के अध्यक्ष नीलमणि दुबे सहित 18 से अधिक तहसीलदारों ने इन तबादलों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई के बाद, हाईकोर्ट ने राज्य शासन द्वारा जारी तबादला आदेश पर रोक लगा दी है।
सिमगा तहसीलदार नीलमणि दुबे ने तबादला सूची में नियमों की अवहेलना का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनके निलंबन के बाद, अन्य तहसीलदारों ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसके परिणामस्वरूप लगभग सभी तहसीलदारों को कोर्ट से राहत मिली है।
तबादला आदेश की खामियां उजागर
याचिका में कोर्ट के समक्ष यह तर्क रखा गया कि राज्य में हुए तबादलों में कई अनियमितताएँ हैं। विशेष रूप से, कुछ नायब तहसीलदारों को उनके प्रोबेशन पीरियड के दौरान ही स्थानांतरित कर दिया गया, जो नियमों का उल्लंघन है। इसके अलावा, कम समय के भीतर बार-बार तबादला आदेश जारी कर प्रशासनिक प्रक्रियाओं की अनदेखी की गई। इन खामियों के आधार पर तहसीलदारों ने तबादला आदेश को चुनौती दी थी।
इन तहसीलदारों को मिली राहत
कोर्ट ने अभिषेक राठौर (बिलासपुर), नीलमणि दुबे (बलौदाबाजार), पोखन टोंडरे (बलौदाबाजार), प्रेरणा सिंह (रायपुर), राजकुमार साहू (रायपुर), राकेश देवांगन (रायपुर), जयेंद्र सिंह (रायपुर), प्रियंका (जांजगीर-चांपा), गुरु दत्त पंचभाई (दुर्ग), सरिता मड़िरया (बेमेतरा), दीपक चंद्राकर (बालोद), विपिन बिहारी पटेल (तिल्दा), कमलवाती (बिलासपुर), माया अंचल (बिलासपुर) और दीपक चंद्राकर (पलारी) को राहत देते हुए तबादला आदेश पर स्थगन दे दिया है।