बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि व्याख्याताओं की नई नियुक्तियां होंगी, लेकिन ये हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय से बाधित रहेंगी।
बिलासपुर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ के शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि व्याख्याताओं की नई नियुक्तियों के संबंध में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। न्यायमूर्ति सचिन सिंह राजपूत की अदालत में 200 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया कि नई नियुक्तियों की प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन ये नियुक्तियां कोर्ट के अंतिम निर्णय से बाधित रहेंगी।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों में एक वर्ष की सेवा पूरी कर चुके अतिथि व्याख्याताओं के स्थान पर नई नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया गया। इस फैसले के खिलाफ पूर्व नियुक्त अतिथि व्याख्याताओं ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन्स का हवाला देते हुए कहा कि संविदा के बदले संविदा या अतिथि व्याख्याता के बदले अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति नहीं होनी चाहिए।
अब कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी नई पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिया है कि 2024 की नई नियुक्तियां की जा सकती हैं, लेकिन ये नियुक्तियां हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय से बाधित रहेंगी। इससे पहले भी हाईकोर्ट ने इन नियुक्तियों पर रोक नहीं लगाई थी, लेकिन नई नियुक्तियों को कोर्ट के आदेश के अधीन रखा गया था। प्रभावित अभ्यर्थियों की ओर से दायर 200 याचिकाओं पर शासन का जवाब आना बाकी है। आज बुधवार को भी कोर्ट में कुछ मामलों में राज्य सरकार की ओर से जवाब दिया गया।