बिलासपुर हाईकोर्ट ने अल्ट्राटेक सीमेंट के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रेलवे और श्री सीमेंट की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने अल्ट्राटेक की ओर से पैरवी की, जिसमें उन्होंने रेलवे साइडिंग के विवाद पर मजबूती से अपना पक्ष रखा।
बिलासपुर हाईकोर्ट में रेलवे साइडिंग के उपयोग को लेकर अल्ट्राटेक सीमेंट और श्री सीमेंट के बीच चल रहे विवाद में अदालत ने अल्ट्राटेक के पक्ष में निर्णय सुनाया है। इस मामले में पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम ने अल्ट्राटेक की ओर से पैरवी की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डबल बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए रेलवे और श्री सीमेंट की अपील को खारिज कर दिया, जबकि सिंगल बेंच के पूर्व निर्णय को बरकरार रखा।
चिदंबरम ने कोर्ट में दलील दी कि अल्ट्राटेक ने हथबंद स्टेशन से रावन और हिरमी क्षेत्र तक 17.5 किलोमीटर लंबी रेलवे साइडिंग बनाने में करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। इसके लिए निजी जमीनों का अधिग्रहण भी किया गया था। उन्होंने कहा कि अब जबकि अल्ट्राटेक इसका उपयोग कर रही है, रेलवे ने बिना उचित प्रक्रिया के श्री सीमेंट को भी इसका उपयोग करने की अनुमति दे दी, जो गलत है।
चिदंबरम ने जोर दिया कि रेलवे के पास अधिकार है कि वह ऐसी अनुमति दे, लेकिन उसे अल्ट्राटेक को सूचित करना चाहिए था और श्री सीमेंट के साथ एक समझौता करना चाहिए था जिसमें सभी शर्तों का स्पष्ट उल्लेख हो। कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए फैसला अल्ट्राटेक के पक्ष में सुनाया।
इससे पहले, सिंगल बेंच ने भी अल्ट्राटेक के पक्ष में निर्णय दिया था, जिसे रेलवे और श्री सीमेंट ने डबल बेंच में चुनौती दी थी। अदालत ने अब इस अपील को खारिज कर दिया है।