छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में रविवार को एक एल्युमिनियम प्लांट में गंभीर हादसा हो गया, जिसमें कोयला लोड हॉपर के गिरने से 10 मजदूर दब गए।
हादसा रघुनाथपुर स्थित मां कुदरगढ़ी एलुमिना प्लांट में सुबह 11 बजे के आसपास हुआ, जब हॉपर के साथ-साथ बॉयलर तक कोयला पहुंचाने वाली बेल्ट भी गिर गई। प्लांट में अचानक हुए इस हादसे से अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद मजदूरों ने तुरंत हाइड्रा, जेसीबी और अन्य उपकरणों की मदद से मलबा हटाने का काम शुरू किया। लगभग डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद पांच मजदूरों को बाहर निकाला गया और उन्हें अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया।
4 मजदूरों की मौत, कई की हालत गंभीर
घायल मजदूरों में से 4 की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य घायल गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। मृत और घायल मजदूरों में अधिकांश उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश से आए हुए थे। दुर्घटना में अभी भी 3 से 4 मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है, और उन्हें निकालने का काम लगातार जारी है। प्लांट में 10 मजदूरों की शिफ्ट चल रही थी, जिसमें से आधे हादसे का शिकार हो गए।
हादसे का कारण: ओवरलोडिंग
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हॉपर में पहले भूसा भरा जाता था, जिसका उपयोग बॉयलर के लिए किया जाता था। लेकिन 1 सितंबर से उसमें कोयला डाला जाने लगा, जो भूसे की तुलना में भारी होता है। हॉपर को भूसे के हिसाब से ही डिजाइन किया गया था, जिससे कोयला भरे जाने पर वह ओवरलोड हो गया और गिर पड़ा। यह हादसा इसी ओवरलोडिंग के कारण हुआ, जिसकी जांच फिलहाल जारी है।
पुलिस और राहत कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही रघुनाथपुर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य में जुट गई। कंपनी द्वारा प्लांट में हाइड्रा और जेसीबी मंगवाए गए और गैस कटर से लोहे के फ्रेम को काटकर मलबा हटाया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों में हादसे को लेकर भारी आक्रोश है और उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी किया है।
जांच और आगे की कार्रवाई
प्लांट में हुए इस गंभीर हादसे की तहसीलदार अंकिता तिवारी ने पुष्टि की और बताया कि घटना की जांच की जा रही है। फिलहाल प्राथमिक जांच के अनुसार, ओवरलोडिंग हादसे का प्रमुख कारण बताया जा रहा है, लेकिन विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही सटीक जानकारी मिल पाएगी।