बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) में बाघों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए अगले 10 साल की योजना तैयार की जा रही है। इस कार्य के लिए नागपुर से विशेषज्ञों की एक टीम यहां पहुंची है, जो अधिकारियों और कर्मचारियों को नए टाइगर कंजर्वेशन प्लान के बारे में विस्तार से जानकारी दे रही है। इस योजना के तहत अगले दशक में किस तरह से काम किया जाएगा, इसकी बारीकियों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
शिवतराई में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में एटीआर के कोर और बफर क्षेत्र के सभी फील्ड स्टाफ और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान नवेगाव नागझिरा टाइगर रिजर्व, महाराष्ट्र से आए विशेषज्ञों ने नए प्लान को लेकर प्रशिक्षण दिया। 10 वर्षीय योजना में टाइगर रिजर्व के कोर और बफर क्षेत्र की वर्तमान स्थिति के आधार पर भविष्य की प्रबंधन रणनीति तैयार की जाती है, जो भारतीय वन सेवा के कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट रैंक के अधिकारियों द्वारा बनाई जाती है।
फिलहाल, अचानकमार टाइगर रिजर्व में 2014-2024 का टाइगर कंजर्वेशन प्लान लागू है, जिसके तहत वर्तमान में सभी कार्य संचालित हो रहे हैं। चूंकि इस प्लान की समय सीमा समाप्त होने वाली है, इसलिए विभाग नए प्लान की तैयारी में जुट गया है, ताकि वन्यजीवों का संरक्षण सुचारू रूप से चलता रहे।