रायपुर। गर्मी की तपिश और बढ़ती उमस ने बच्चों की स्कूल दिनचर्या को बदल दिया है। छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि 17 जून से 21 जून 2025 तक सभी शासकीय, अनुदान प्राप्त और अशासकीय स्कूलों में कक्षाएं सुबह 7 बजे से 11 बजे तक ही संचालित होंगी।
23 जून 2025 से स्कूलों का समय फिर से सामान्य हो जाएगा।
क्यों बदला गया समय?
इस आदेश के पीछे बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता है। गर्मी और उमस की वजह से लू लगने, सिरदर्द, चक्कर और थकावट जैसे खतरे बढ़ गए हैं। शिक्षा विभाग ने यह फैसला बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए लिया है।
☀️ जून की बारिश अब बीते दिनों की बात?
स्कूलों का समय बदला, लेकिन एक बड़ा सवाल यह भी है कि जून की बारिश कहां रह गई?
पहले जब स्कूल खुलते थे, यानी 15 जून के आसपास- तो बारिश का मौसम होता था। बच्चे छतरियों, रेनकोट और प्लास्टिक कवर में किताबें लपेटकर स्कूल पहुंचते थे। जूतों के साथ मोजे हर दिन भीगते थे। कहीं कीचड़, कहीं जलभराव…। मगर देखते-देखते स्थिति उलट है।
🌧️ मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार:
- IMD के अनुसार, 2025 में मानसून की शुरुआत धीमी रही है और छत्तीसगढ़ जैसे वन आच्छादित राज्यों में बरसात औसत से कम है।
- रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर जैसे शहरों में तापमान अब भी 38 से 41 डिग्री के बीच है।
- ह्यूमिडिटी यानी उमस 70% से ऊपर चल रही है, जिससे पसीने और बेचैनी की शिकायतें बढ़ गई हैं।
📚 बच्चों और पैरेंट्स के लिए राहत
समय बदले जाने से:
- बच्चों को दोपहर की झुलसा देने वाली गर्मी से राहत मिलेगी।
- पैरेंट्स भी चैन की सांस ले रहे हैं, क्योंकि दोपहर के समय बच्चों को स्कूल भेजने से अब तक दिक्कतें हो रही थीं।
🌿 जलवायु परिवर्तन का असर रोजमर्रा के काम पर
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ स्कूल टाइम टेबल का बदलाव नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन की सीधी दस्तक है। मौसम की अनिश्चितता और देरी से बरसात, ये सब संकेत दे रहे हैं कि अब हर साल की प्लानिंग बदलनी पड़ेगी।