मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर ने स्कूलों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए

बिलासपुर। जिले के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने और अनुशासन बनाए रखने के लिए कलेक्टर अवनीश शरण ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हाल ही में एक सरकारी स्कूल में छात्राओं के बियर पीने के वीडियो के वायरल होने के बाद यह कदम उठाया गया है। कलेक्टर ने सभी स्कूलों में नियमित निरीक्षण, समय पर प्रार्थना और शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

बच्चों के बैग चेक किए जाएंगे, प्रार्थना होगी समय पर
दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब सभी स्कूलों में बच्चों के बैग नियमित रूप से चेक किए जाएंगे ताकि किसी भी अवांछित वस्तु को स्कूल में लाने से रोका जा सके। प्रार्थना समय पर होगी, और इसमें सभी शिक्षकों व कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। इसके साथ ही, प्रत्येक कालखंड में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी ताकि कोई भी कक्षा खाली न रहे।

अनुशासन बनाए रखने के सख्त कदम
कलेक्टर के निर्देशानुसार, भोजन अवकाश में बच्चों को विद्यालय परिसर से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी। परिसर में बाहरी विक्रेताओं की एंट्री पर भी सख्त प्रतिबंध होगा। इसके अलावा, विद्यालय परिसर में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था करने और तंबाकू मुक्त क्षेत्र का पालन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कक्षा प्रतिनिधि
विद्यालयों में कक्षा प्रतिनिधि और छात्र परिषद का गठन किया जाएगा, जो अवांछित गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इसके लिए एक पत्र पेटी भी स्कूलों में स्थापित की जाएगी, जिसमें छात्र गुप्त रूप से शिकायतें दर्ज कर सकें। इसके साथ ही, शिक्षक-पालक संघ की बैठक हर माह अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएगी।

अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई
कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि किसी भी विद्यालय में अनुशासनहीनता पाए जाने पर संबंधित शिक्षक और संस्था प्रमुख पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, जर्जर कक्षाओं में पढ़ाई नहीं कराई जाएगी।

छात्राओं का वायरल वीडियो
कुछ दिन पहले जिले के एक सरकारी स्कूल की कुछ छात्राओं का क्लास रूम में बियर पीने का वीडियो वायरल हुआ था, जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया था। जांच के बाद यह सामने आया कि छात्राओं ने मौज-मस्ती के लिए यह वीडियो बनाया था, लेकिन उन्होंने बियर नहीं पी थी। इस घटना के बाद सीएम के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने ये कदम उठाए हैं।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here