जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने गुरुवार को कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने राज्य सरकार पर सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि यदि उनकी सुरक्षा में कोई चूक होती है तो इसके लिए सरकार और पुलिस प्रशासन सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
डॉ. नायक ने कहा कि जब से प्रदेश में सरकार बदली है, उनकी सुरक्षा में तैनात कर्मियों को हटा दिया गया है, जिससे उनकी सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है। उन्हें बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में जनसुनवाई के लिए जाना पड़ता है, जहां सुरक्षा बेहद जरूरी होती है। उन्होंने यह भी कहा कि जनसुनवाई के दौरान अक्सर पक्षकारों के बीच झगड़े होते हैं, ऐसे में सुरक्षा कर्मियों की अनुपस्थिति उनकी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
DGP को भेजे कई पत्र, लेकिन कोई जवाब नहीं
डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि पहले उन्हें दो PSO मिले थे, लेकिन अब उनमें से एक को वापस बुला लिया गया है। कई बार डीजीपी को इस मामले में पत्र भेजा गया, पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर सुरक्षा के अभाव में कोई घटना होती है, तो इसके लिए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार माना जाएगा।
महिला आयोग का बनेगा ऐप, सुनवाई में आएगी तेजी
डॉ. नायक ने यह भी जानकारी दी कि जल्द ही छत्तीसगढ़ महिला आयोग का एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा, जिससे लोगों को ऑनलाइन जानकारी मिल सकेगी। इसके लिए NIC के साथ काम चल रहा है। यह देश का पहला महिला आयोग होगा, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए जानकारी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जून 2024 से आयोग में पांच सदस्यों की सीटें खाली हैं। मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पत्र लिखकर जल्द नियुक्ति की मांग की गई है, जिससे प्रकरणों की सुनवाई में तेजी आ सके।