रमेन डेका मध्यदेशीय वैश्य महासभा के राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए, सेवा, पर्यावरण और स्वास्थ्य को लेकर दिया संदेश

बिलासपुर। “हमें यह सोचना चाहिए कि हमने समाज के लिए क्या किया, न कि समाज ने हमारे लिए क्या किया।”
इसी विचार के साथ राज्यपाल रमेन डेका ने आज मध्यदेशीय वैश्य महासभा के राष्ट्रीय सम्मेलन में समाज को आत्ममंथन और सेवा के लिए प्रेरित किया। लखीराम ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने दीप प्रज्वलन कर सम्मेलन का शुभारंभ किया और समाज के विविध सेवा कार्यों की सराहना की।

राज्यपाल डेका ने कहा कि नशे की बढ़ती प्रवृत्ति समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इसे रोकने के लिए शासन और समाज दोनों को कड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने दहेज प्रथा, उपहार और सामाजिक आडंबरों के खिलाफ जागरूकता फैलाने की अपील करते हुए कहा कि समाज को इन बुराइयों के उन्मूलन में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

राज्यपाल ने पर्यावरण संरक्षण की ओर भी विशेष ध्यान दिलाया। उन्होंने सभी से “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान में भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को अपने घर और आसपास एक पेड़ लगाकर उसकी सुरक्षा का संकल्प लेना चाहिए। प्रकृति, मानव और जीव-जंतुओं के बीच संतुलन बनाए रखना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

इसके साथ ही उन्होंने टीबी मुक्त भारत अभियान से जुड़ने और टीबी मरीजों को पोषण आहार प्रदान करने के लिए समाज से सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे कार्यों से भी बड़ा बदलाव संभव है, इसलिए बड़े कामों से ज्यादा हमें छोटे स्तर पर पहल करनी चाहिए।

कार्यक्रम में विधायक अमर अग्रवाल ने देशभर से आए अतिथियों का स्वागत करते हुए समाज की एकजुटता को देश की शक्ति बताया। राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विमल कुमार गुप्ता ने सभा के 125 वर्षों के इतिहास और सामाजिक कार्यों की जानकारी दी। सम्मेलन में समाज के प्रतिभाशाली व्यक्तियों को सम्मानित भी किया गया। राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश गुप्ता ने आभार प्रदर्शन कर सम्मेलन का समापन किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here