मोबाइल टावर बढ़ाने, हर बसाहट में डीटीएच और टीवी सेट देने की घोषणा
रायपुर। गृहमंत्री विजय शर्मा शनिवार को अचानक नक्सलियों की मांद सुकमा जिले के सिलगेर पहुंचे जहां उन्होंने कैंप के जवानों, स्कूली बच्चों और ग्रामीणों से बातचीत की।
शर्मा जवानों से रूबरू हुए और उनका जोश देखकर गदगद हो गए। उन्होंने मुठभेड़ में शामिल और नवीन कैंप बनाने में लगे जवानों का उत्साहवर्धन किया । गृहमंत्री ने कहा कि क्षेत्र की जनता को नक्सल समस्या से मुक्ति दिलाने, क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं विकास के लिए हमारे सुरक्षा बलों के जवान संकल्पित हैं। घटना के बाद भी हमारे जवानों के हौसले नहीं टूटे हैं। वे दुगुने जोश से सुरक्षा एवं शांति स्थापित करने में लग गए हैं।
बस्तर प्रवास के दौरान प्रमुख सचिव गृह मनोज पिंगुआ और प्रमुख सचिव पंचायत निहारिका बारीक़ उपस्थित थीं।
शर्मा ने कहा कि सुरक्षा बलों के जवानों के हौसले बुलंद हैं। हम नई योजना के साथ इस क्षेत्र में विकास के कैंप स्थापित करने जा रहे हैं। इस कैंप के माध्यम से हम क्षेत्र के सभी ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का लाभ पहुचायेंगे। हम सभी को प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, आयुष्मान कार्ड, खेतों में स्थायी पंप कनेक्शन, आंगनबाड़ी, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र, पेयजल, सड़क, अधोसंरचना, मोबाइल टावर, हर बसाहट में टीवी सेट और डीटीएच दिया जाएगा। यहां स्थापित होने वाला कैंप विकास का कैंप साबित होगा, इनके माध्यम से सभी शासकीय योजनाओं का लाभ क्षेत्र की जनता को मिलेगा।
शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों का विकास चाहती है। शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों का भी । बस्तर के विकास के कैंप किसी के रोके नहीं रुकेंगे। शर्मा ने कहा कि बस्तर में विकास को बाधित करने वाले सभी ताकतों को नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा।
बस्तर के बच्चे भी डॉक्टर और कलेक्टर बनना चाहते हैं- शर्मा
बस्तर प्रवास पर नक्सलियों के मांद सिलगेर पहुंचे गृहमंत्री का सिलगेर के ग्रामीणों एवं बच्चों ने स्वागत किया। बच्चों ने सुंदर स्वागत गीत भी गाये। शर्मा ने स्कूली बच्चों से बारी-बारी से परिचय प्राप्त किया और उनसे बातचीत करते हुए कहा आप सभी हमारे देश के और बस्तर के भविष्य हैं। आप सभी पढ़ लिखकर उच्चे पदों पर पहुंचे। गृहमंत्री शर्मा ने कहा कि बस्तर के बच्चे भी डॉक्टर और कलेक्टर बनना चाहते हैं। हम चाहते है कि बच्चे पढ़ लिख कर ऊंचे पदों पर पहुचें जिससे बस्तर में नक्सलवाद खत्म होगा।