बिलासपुर। गुंडा-बदमाश सूची में नाम जोड़कर अवैध रूप से परिरुद्ध और परेशान करने के मामले में हाईकोर्ट ने बिलासपुर एसपी को याचिकाकर्ता के आवेदन पर विधि अनुसार 6 सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता का आरोप: पुलिस कर रही है लगातार परेशान

रामसत्ता चौक, वार्ड क्रमांक 6, थाना बिल्हा के निवासी लाला प्रसाद यादव ने अपने वकील अब्दुल वहाब खान के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता का आरोप है कि बिल्हा पुलिस 2018 से गुंडा सूची में नाम होने के बहाने उसे बार-बार थाने बुलाकर परेशान कर रही है। 14 सितंबर 2024 को भी उसे सुबह से रात 8 बजे तक थाने में अवैध रूप से बैठाए रखा गया, जबकि उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और 2017 के बाद से वह किसी अपराध में शामिल नहीं हुआ है।

2017 से कोई अपराध नहीं, फिर भी जारी है कार्रवाई

याचिकाकर्ता ने बताया कि 2017 से पहले उसके खिलाफ केवल दो मामूली केस दर्ज थे। इसके बावजूद थानेदार ने गुंडा-बदमाश सूची में उसका नाम जोड़कर बार-बार उसे थाने बुलाया और कई बार बिना किसी कारण रात भर बिठाए रखा, जिससे वह और उसका परिवार सामाजिक रूप से अपमानित महसूस कर रहे हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि अब उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह स्वतंत्र रूप से जीवनयापन करना चाहता है।

कोर्ट का फैसला: एसपी को जल्द निर्णय लेने का आदेश

लाला प्रसाद यादव ने इसी परेशान करने के मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी. डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने बिलासपुर एसपी को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता के आवेदन पर 6 सप्ताह के भीतर विधि अनुसार निर्णय लें। इस फैसले के बाद याचिका को निराकृत कर दिया गया है।

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