बिलासपुर। महात्मा गांधी के खिलाफ रायपुर की धर्म संसद में अपशब्द कहने के बाद राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कालीचरण महाराज की नियमित जमानत अर्जी पर आज हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली।
कोर्ट ने उसे एक लाख रुपये के निजी बांड पर तथा दो 50-50 हजार रुपये के दो साल्वेंट सेक्यूरिटी देने का आदेश दिया है।
ज्ञात हो कि बीते 26 दिसंबर को रायपुर की धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी को अपशब्द कहे थे। कालीचरण ने कहा कि मोहनदास करमचंद गांधी ने देश का सत्यानाश किया है। नमस्कार है, नाथूराम गोडसे को, जिसने उनको मार दिया।
कार्यक्रम के बाद काफी हंगामा हुआ था। कई लोगों ने तालियां भी बजाई थीं। इसके बाद समारोह के संरक्षक राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुंदर दास ने मंच छोड़ दिया था। देर रात नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे ने टिकरापारा थाने में कालीचरण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। बाद में पुलिस ने कालीचरण के खिलाफ अशांति, वैमनस्यता फैलाने के अलावा राजद्रोह का केस दर्ज किया। उसे छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम ने 30 दिसंबर को खजुराहो के पास एक गेस्ट हाउस से गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद से अब तक वह रायपुर जेल में बंद है।
शुक्रवार को कालीचरण की जमानत अर्जी पर जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की बेंच में दोनों पक्षों की ओर से बहस की गई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता किशोर भादुड़ी ने कहा कि कालीचरण ने किताबों में लिखी बातों को सार्वजनिक मंच से साझा किया है, जिस पर अपराध नहीं बनता। इसका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं है। कालीचरण 90 दिन से जेल में बंद है। पुलिस ने मामले की जांच कर चार्ज शीट भी पेश कर दी है, ऐसे में उसे जमानत पाने का अधिकार है।
शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील ओटवानी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विरुद्ध अपशब्दों का प्रयोग करने के बाद भी कालीचरण को कोई अफसोस नहीं है। फरारी के दौरान उसने यू-ट्यूब पर अपना बयान अपलोड किया है, जिसमें उसने रायपुर के बयान पर कोई पछतावा नहीं होने की बात कही है। रिहा करने पर वह फिर अपने बयान और हरकतों से सांप्रदायिकता फैला सकता है। इसलिये जमानत देना उचित नहीं है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि आरोपी 90 दिन से न्यायिक रिमांड पर है और उससे आगे कोई पूछताछ नहीं की जानी है, इसलिये उसे जमानत का लाभ देना उचित होगा।
कालीचरण महाराज को अकोला महाराष्ट्र और पुणे में दर्ज मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। इसलिये उनकी रायपुर जेल से रिहाई अब हो सकती है।