बिलासपुर के कोटा क्षेत्र में मलेरिया का कहर जारी है, और लापरवाही के चलते एक 9 वर्षीय बालक की मौत हो गई।
बिलासपुर के कोटा क्षेत्र में मलेरिया तेजी से फैल रहा है, और अब तक 120 से अधिक लोग इससे प्रभावित हो चुके हैं। बेलगहना गांव के 9 वर्षीय विकास बंसोड़ की मौत मलेरिया के कारण हो गई, क्योंकि स्वास्थ्य केंद्र में तैनात टेक्निशियन ने उसकी मलेरिया जांच करने से मना कर दिया। विकास के परिजन उसे स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए थे, जहां डॉक्टर ने मलेरिया टेस्ट के लिए पर्ची लिखी थी। लेकिन टेक्निशियन ने समय नहीं होने का बहाना बनाकर जांच करने से इंकार कर दिया, और पर्ची को फेंक दिया।
परिजनों की बार-बार गुहार के बावजूद, टेक्निशियन ने जांच करने से मना कर दिया, जिसके बाद वे बच्चे को घर ले गए। दुर्भाग्यवश, अगली सुबह विकास की मौत हो गई।
कोटा क्षेत्र में मलेरिया के प्रकोप को देखते हुए कलेक्टर ने स्वयं मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया था और मलेरिया के सभी संदिग्ध मामलों की जांच और उपचार के सख्त निर्देश दिए थे। बावजूद इसके, बेलगहना स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही से यह दुखद घटना घटी।
बेलगहना क्षेत्र के एमबीबीएस डॉक्टर स्पर्श गुप्ता के छुट्टी पर होने के कारण अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं बाधित थीं। इस पर बीएमओ निखिल गुप्ता ने तुरंत आदेश देकर डॉक्टर तन्मय साहू की ड्यूटी बेलगहना स्वास्थ्य केंद्र में लगा दी है।