नई दिल्ली। केंद्रीय राज्य मंत्री और बिलासपुर सांसद तोखन साहू ने संसद भवन में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने नर्मदा एक्सप्रेसवे को रतनपुर कॉरिडोर से जोड़ने का प्रस्ताव रखा। साहू ने बताया कि रतनपुर स्थित महामाया देवी मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है और इसको जोड़ने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह नगर अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण जाना जाता है, जिसमें रामटेकरी मंदिर, गिरिजाबंद हनुमान मंदिर, बूढ़ा महादेव भैरव बाबा मंदिर, जगन्नाथ मंदिर जैसे स्थलों का भी समावेश है।
साहू ने कहा कि नर्मदा एक्सप्रेसवे को अमरकंटक से रतनपुर जोड़ने से पर्यटन को तो बढ़ावा मिलेगा ही, साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग 130 के अंतर्गत ऊर्जा नगरी कोरबा और एनटीपीसी सिपत को जोड़ने से औद्योगिक क्षेत्र में आयात-निर्यात में हो रही असुविधा से भी राहत मिलेगी। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 906 किलोमीटर है, जो अमरकंटक से शुरू होकर डिंडोरी, जबलपुर, ओबेदुल्लागंज, बुधनी, नसरुल्लागंज, संदलपुर, करनावद, इंदौर, धार, सरदारपुर और झाबुआ (मध्य प्रदेश/गुजरात सीमा) तक विस्तारित होगा।
गडकरी ने संसद भवन में नर्मदा एक्सप्रेसवे की प्रस्तावना रखी, जिसमें साहू द्वारा प्रस्तुत मांग पत्र स्वीकार होने पर इसकी लंबाई में अमरकंटक से रतनपुर तक लगभग 124 किलोमीटर की वृद्धि की जा सकती है। यह एक्सप्रेसवे बिलासपुर जिला को मिलने वाला पहला एक्सप्रेसवे होगा, जो छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात के व्यावसायिक विकास के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। इससे औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन मिलने के साथ रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावनाएं भी बढ़ेंगी, जिसका सीधा लाभ क्षेत्र की आम जनता को मिलेगा।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- रतनपुर स्थित महामाया देवी मंदिर का महत्व
- नर्मदा एक्सप्रेसवे की लंबाई और विस्तारित मार्ग
- औद्योगिक और पर्यटन विकास की संभावनाएं
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