काली पट्टी लगाकर की जा रही इमरजेंसी ड्यूटी, ओपीडी नहीं खुली

बिलासपुर। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक मेडिकल रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के विरोध में, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) छत्तीसगढ़ एवं बिलासपुर के सभी चिकित्सक शनिवार, 17 अगस्त  से 24 घंटे की हड़ताल पर चले गए हैं। इस दौरान सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी चिकित्सा सेवाएं बंद रहेंगी।

प्रेस कांफ्रेंस में डॉक्टरों का आक्रोश:
बिलासपुर प्रेस क्लब में आईएमए छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विनोद तिवारी, बिलासपुर अध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश देवरस, प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर संदीप तिवारी सहित कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई जघन्य घटना ने पूरे चिकित्सा जगत को हिला कर रख दिया है। डॉक्टरों ने कहा, “हम समाज की सेवा करने के लिए सुरक्षित कार्यस्थलों के हकदार हैं, और इसके लिए हम सरकार से सुरक्षा की मांग करते हैं।”

आईएमए की प्रमुख मांगें:

  1. सीबीआई जांच: इस घटना की सीबीआई त्वरित जांच करे और दोषियों को कड़ी सजा मिले।
  2. सुरक्षित क्षेत्र: अस्पतालों को “सुरक्षित क्षेत्र” घोषित किया जाए।
  3. रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए दिशानिर्देश: एनएमसी को मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में रेसिडेंट डॉक्टरों के लिए सुरक्षित और मानवीय कार्य वातावरण के लिए दिशानिर्देश तैयार करना चाहिए।
  4. समिति का गठन: रेजिडेंट डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य, लंबे कार्य घंटे, अत्यधिक फीस, मामूली वजीफा, और खराब आवासीय स्थिति जैसे मुद्दों के समाधान के लिए एक समिति बनाई जाए।
  5. केंद्रीय कानून: मेडिकेयर पेशेवरों और चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ हिंसा के लिए जल्द से जल्द सख्त केंद्रीय कानून बनना चाहिए।

आंदोलन सुबह 6 बजे से शुरू
आईएमए ने घोषणा की है कि शनिवार सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक यह हड़ताल चलेगी। इस तरह से आज सुबह हड़ताल शुरू हो चुकी है। इसमें आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सेवाएं बंद कर दी गई है।

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