क्रिश्चियन संस्था के पदाधिकारियों की मिलीभगत, कोर्ट के आदेश पर 10 के खिलाफ अपराध दर्ज
बिलासपुर। क्रिश्चियन समाज के कब्रिस्तान को कूट रचना कर संस्था के 7 पदाधिकारियों से मिलीभगत कर खरीदने के आरोप में सिविल लाइन पुलिस ने पूर्व राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त विधायक मोहित केरकेट्टा, उसके बेटे शंकर केरकेट्टा सहित 10 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में अपराध दर्ज किया है। फरियादी ने पुलिस में शिकायत की थी। कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने कोर्ट में परिवाद दायर किया था। अब कोर्ट के आदेश पर अपराध दर्ज किया गया है।
चर्च ऑफ ख्राइस्ट इन इंडिया कुदुदंड के सदस्य आलोक विल्सन ने बिलासपुर के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रेरणा आहिरे की कोर्ट में परिवाद दायर कर बताया था कि तीन राज्यों में संचालित यह संस्था सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत संचालित होता है। संस्था का चुनाव प्रत्येक 3 वर्ष में होना चाहिए। वर्तमान में पिछले 14 साल से संस्था का चुनाव नहीं हुआ है। संस्था के सचिव बिरन साय कुजूर (52 वर्ष), अध्यक्ष बिरम साय टोप्पो (56 वर्ष), उपाध्यक्ष दीपक फिलीमोन ( 50 वर्ष), महावीर कुजूर (54 वर्ष), कोषाध्यक्ष हेमिल्टन थॉमस (75 वर्ष), संस्था के मंडली निरीक्षक जेडब्ल्यू दास (60 वर्ष), पुष्पा मिंज (50 वर्ष) और अरुण टोप्पो (45 वर्ष) ने कुदुदंड में स्थित संस्था की एक एकड़ भूमि को आरोपी मोहितराम केरकेट्टा और उसके बेटे शंकर केरकेट्टा को 99 लाख 22 हजार रुपये में बेच दिया है। इनमें से खरीददार तथा अरुण टोप्पो संस्था के पदाधिकारी नहीं है। आरोपी अरुण संस्था के वाहन का चालक है, जो क्रय विक्रय में गवाह है।
शिकायत के मुताबिक उक्त भूमि कब्रिस्तान के लिए चारों ओर ईंट की पक्की दीवार से घेरी गई है। इसके लिए संस्था को समाज के लोगों ने दान दिया है। उक्त भूमि संस्था व पटवारी के रिकॉर्ड में भी कब्रिस्तान के रूप मे संरक्षित है। संस्था के सदस्य यहां अंतिम संस्कार भी करते हैं। उक्त भूमि का बाजार मूल्य वर्तमान में करीब 5 करोड़ रुपये है, जिसे 99 लाख रुपये में बेच दिया गया है। आरोपी मोहित केरकेट्टा और उसके बेटे को यह मालूम था कि सभी रिकार्ड्स में यह कब्रिस्तान की भूमि है। इसके बावजूद उन्होंने संस्था के पदाधिकारियों के साथ सांठगांठ कर जमीन खरीदी है। परिवाद में बताया गया था कि 2 सितंबर 2022 को सिविल लाइन थाने में शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद पुलिस अधीक्षक को शिकायत की गई, तब भी अपराध दर्ज नहीं हुआ। विल्सन ने कोर्ट में कहा कि पुलिस आरोपियों को बचाना चाह रही है। परिवाद की सुनवाई के पश्चात् कोर्ट ने सभी 10 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज करने का निर्देश दिया। सिविल लाइन पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर सभी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 403, 405, 420, 465, 466, 467, 468, 471 एवं 120बी के तहत जुर्म दर्ज कर कर लिया है।