नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ईस्ट कोस्ट रेलवे के वॉल्टेयर डिवीजन, विशाखापट्टनम के डीआरएम (आईआरएसएमई 1991) को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत 25 लाख रुपये की थी, जो मुंबई स्थित एक निजी फर्म के मालिक ने अनुबंध में हुई प्रदर्शन-घटौती की पेनल्टी कम कराने के बदले दी थी।

सीबीआई ने पुणे की एक अन्य निजी फर्म के मालिक को भी गिरफ्तार किया है। छापेमारी में अब तक 87.6 लाख रुपये की नकदी, लगभग 72 लाख रुपये के आभूषण, प्रॉपर्टी के दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण कागजात बरामद हुए हैं।

अनुबंध की पेनल्टी घटाने के लिए मांगी गई थी रिश्वत
सीबीआई के अनुसार, यह मामला एक आपराधिक साजिश का है, जिसमें डीआरएम और दोनों निजी फर्मों के मालिक शामिल थे। ईस्ट कोस्ट रेलवे द्वारा अनुबंधित एक प्राइवेट कंपनी के प्रदर्शन में देरी के कारण उस पर भारी पेनल्टी लगाई गई थी। इस पेनल्टी को घटाने और कंपनी का 3.17 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान पास कराने के लिए डीआरएम ने रिश्वत की मांग की।

मुंबई में सीबीआई का जाल और गिरफ्तारियां
मुंबई दौरे के दौरान, डीआरएम ने 16 नवंबर 2024 को रिश्वत की रकम स्वीकार की। सीबीआई ने जाल बिछाकर डीआरएम और मुंबई स्थित फर्म के मालिक को रिश्वत के 25 लाख रुपये के लेन-देन के दौरान गिरफ्तार कर लिया।

छापेमारी में भारी नकदी और दस्तावेज बरामद
सीबीआई ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें विशाखापट्टनम स्थित डीआरएम के परिसर से 87.6 लाख रुपये की भारतीय और विदेशी मुद्रा, 72 लाख रुपये के आभूषण, प्रॉपर्टी निवेश के दस्तावेज, एक फ्लैट का विवरण, लॉकर की चाबी और बैंक खातों से संबंधित जानकारी बरामद की गई है।

आरोपियों पर आपराधिक साजिश और भ्रष्ट आचरण के आरोप
सीबीआई ने इस मामले में डीआरएम सहित दोनों निजी फर्मों के मालिकों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, भ्रष्ट आचरण और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने बताया कि रिश्वत के एवज में डीआरएम ने पेनल्टी की राशि घटाकर भुगतान का रास्ता साफ किया।

जांच जारी
सीबीआई इस मामले में आगे की जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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