विश्व हाथी दिवस पर हुआ था ब्रोशर लांच

बिलासपुर। विश्व हाथी दिवस के अवसर पर जारी किए गए अचानकमार टाइगर रिजर्व के तितलियों के ब्रोशर ने वन विभाग को बगलें झांकने को मजबूर कर दिया है।

ब्रोशर में दिखाए गए तितलियों के फोटो एआई तकनीक से बनाए गए हैं, जो वास्तविक तितलियों से मेल नहीं खाते। ब्रोशर में दिखाई गई कई तितलियाँ छत्तीसगढ़ में पाई ही नहीं जातीं।
12 अगस्त को छत्तीसगढ़ में विश्व हाथी दिवस के मौके पर एक पांच सितारा होटल में अचानकमार टाइगर रिजर्व की तितलियों पर आधारित ब्रोशर “बटरफ्लाइज ऑफ अचानकमार टाइगर रिजर्व: ए पॉकेट गाइड टू 69 फैमिलियर बटरफ्लाइज” वितरित किया गया। इस ब्रोशर में 69 तितलियों की तस्वीरें छापी गईं, लेकिन असलियत में ये तस्वीरें एआई तकनीक से बनाई गई थीं, जिनके रंग और रूप वास्तविक तितलियों से भिन्न हैं।

ब्रोशर में छपी तस्वीरों ने कई विवाद खड़े कर दिए हैं। इनमें से कुछ तितलियाँ जैसे “मोनार्क”, “मेटलिक हेज ब्लू”, और “रस्टी सेलर” अचानकमार तो क्या, पूरे छत्तीसगढ़ में भी नहीं पाई जातीं। इस पर वन विभाग की भारी आलोचना हो रही है। इतना ही नहीं, ब्रोशर में 69 तितलियाँ दिखाने का दावा किया गया, लेकिन असल में 68 तितलियाँ ही थीं।

अचानकमार टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर यूआर गणेश ने इस मामले में सफाई दी है कि यह ब्रोशर सिर्फ आंतरिक उपयोग के लिए था और इसे व्यावसायिक तौर पर इस्तेमाल नहीं किया गया था। अगर कोई त्रुटि है, तो उसे ठीक किया जाएगा।

लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों तितलियों की गलत जानकारी और गलत तस्वीरें पेश की गईं? क्या सिर्फ एक प्रायोगिक ब्रोशर तैयार करने में भी इतनी लापरवाही बरती जा सकती है? यह मामला छत्तीसगढ़ वन विभाग के मौजूदा अफसरों की वन्यजीवों के बारे में समझ पर भी सवाल उठाता  है।

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