बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जशपुर शिक्षा विभाग द्वारा 2012 में निकाले गए सहायक ग्रेड-3 समेत अन्य पदों के विज्ञापन पर विवाद के मामले में फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ता गीता तिवारी के दावे पर विचार करे और उन्हें सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति देने के निर्णय पर पुनर्विचार करे।

हाई कोर्ट की यह टिप्पणी तब आई जब याचिकाकर्ता या उनके अधिवक्ता की अनुपस्थिति में सुनवाई हुई। कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में विभाग को 7 मार्च 2012 को जारी विज्ञापन की शर्तों के आधार पर याचिकाकर्ता के दावे को पुनः जांचने के आदेश दिए। इसके अलावा, हाई कोर्ट की रजिस्ट्री को याचिकाकर्ता को आदेश की जानकारी भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं।

मामले की पृष्ठभूमि में, 7 मार्च 2012 को जशपुर के जिला शिक्षाधिकारी ने सहायक ग्रेड-3, डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्टेनो टायपिस्ट, ड्राइवर, और प्यून के पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस विज्ञापन में सहायक ग्रेड-3 के 9 पदों पर भर्ती होनी थी। मुख्य चयन सूची में शामिल उम्मीदवारों के नौकरी ज्वॉइन न करने की स्थिति में प्रतीक्षा सूची वालों को अवसर दिया गया था। लेकिन, प्रतीक्षा सूची में 36वें स्थान पर रहीं गीता तिवारी की बजाय, कम अंक पाने वाली दिलेश्वरी साहू को नौकरी की पेशकश की गई, जिसके खिलाफ गीता तिवारी ने 2015 में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

कोर्ट ने पाया कि दिलेश्वरी साहू का नाम याचिकाकर्ता गीता तिवारी से नीचे था, फिर भी उसे नौकरी की पेशकश की गई, जबकि याचिकाकर्ता को इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गई। डीईओ कार्यालय इस बारे में कोई संतोषजनक कारण नहीं बता सका। कोर्ट ने इस गंभीर गड़बड़ी को देखते हुए विभाग को याचिकाकर्ता के दावे पर विचार करने का आदेश दिया।

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